रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के विभिन्न गांवों में बादल फटने और भूस्खलन से हुये नुकसान का जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने आपदा से प्रभावित फाटा, जामू, तरसाली, मैखण्डा सहित अन्य गांवों का भ्रमण किया और आपदा प्रभावितों को हर संभव मदद दिलाने का भरोसा दिलाया.
दरअसल, केदारघाटी के फाटा, मैखण्डा, जामू सहित अन्य गांवों में मूसलाधार बारिश से काफी नुकसान हुआ है. जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने आपदा पीड़ित गांवों में हुये नुकसान का जायजा लेते हुये कहा कि बारिश और भूस्खलन से काफी नुकसान हुआ है. फाटा में दुकान, आवासीय घर, लाॅज आदि को भी भारी क्षति पहुंची है. जबकि, ग्रामीणों के खेत-खलिहान आपदा की भेंट चढ़ने से उनके सम्मुख आजीविका की भी समस्या गहरा गई है.
केदारघाटी आपदा पीड़ित का लिया जायजा ये भी पढ़े:उत्तराखंड में आसमानी आफत, जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का कटा संपर्क
उन्होंने कहा कि बारिश और भूस्खलन से केदारघाटी की अधिकांश सड़के बंद हो गई हैं और पैदल मार्ग भी ध्वस्त हो गये है. ग्रामीण अपने घरों में ही कैद हैं. ऐसे में ग्रामीणों के सम्मुख कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हो गई हैं. तिवारी ने कहा कि ऑल वेदर सड़क की कटिंग से लोगों के पैदल रास्ते भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गये हैं. संबंधित कार्यदायी संस्थाओं को रास्ते, पेयजल लाइन आदि को शीघ्र दुरूस्त करने के निर्देश दिये गये हैं.
इसके अलावा लोनिवि, पीएमजीएसवाई विभागों को भी शीघ्र बंद पड़े मोटरमार्गों को खोलने के लिये कहा गया है, जिससे केदारघाटी में आवाजाही सुचारू हो सके. उन्होंने कहा कि घाटी में लगातार हो रही बारिश से लोग खौफ के साये में हैं. ऐसे में प्रशासन को आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना चाहिये, जिससे बाद में किसी प्रकार की हानि न हो.
जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने आपदा पीड़ित जनता की समस्याएं भी सुनीं और पीड़ितों को आश्वासन दिया कि उनकी हरेक समस्या को शासन-प्रशासन के सामने रखा जायेगा और अपने स्तर से भी मदद करने के हर संभव प्रयास किये जाएंगे.