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सरकार के धीमें कामों से नाराज डिप्लोमा इंजीनियर्स ने दिया धरना, कही ये बात - सीएम के नाम सौैंपा ज्ञापन

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग ने 7 सात सूत्रीय मांगों के साथ प्रदर्शन किया और सीडीओ को मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा. वहीं संघ ने मांग पूरी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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ज्ञापन सौैंपा

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Published : Jan 13, 2020, 7:56 PM IST

रुद्रप्रयाग:उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की साथ ही मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के निस्तारण की मांग की.

डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के जिलाध्यक्ष एसपी तिवारी एवं महासचिव प्रदीप सेमवाल ने कहा कि डिप्लोमा इंजीनियर्स लम्बे समय से सात सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत है. सरकार मांगों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है. वर्तमान समय में सहायक अभियंता के 60 से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं. जिस कारण दुर्गम क्षेत्रों के निर्माण कार्यों की प्रगति पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. जबकि 39 प्रभारी सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के प्रकरण लम्बे समय से लंबित हैं.

वर्ष 2011 से डिग्री कोटा के अन्तर्गत एवं वर्ष 2016 से वरिष्ठता के आधार पर कनिष्ठ अभियंता से सहायक अभियंता पद पर नियमित पदोन्नति नहीं की गई है. जिस कारण संघ के सदस्यों को पूरे सेवाकाल में एक भी पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है एवं कनिष्ठ अभियंता के मूल पद पर ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं. पीएमजीएसवाई द्वारा लोनिवि के 19 खण्डों के निसंवर्गीय पदों के सापेक्ष ढांचा स्वीकृत करा लिया गया है.

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विभाग द्वारा बार-बार आश्वासन दिया गया है कि उक्त पदों पर विभाग में प्रतिनियुक्ति कोटे में संवर्गीय पद सृजित किये जायेंगे. जिससे कनिष्ठ अभियंताओं को पूरे सेवाकाल में कम से कम एक पदोन्नति मिल सकेगी. मगर अभी तक विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति कोटे में सहायक अभियंता एवं अधिशासी अभियंता के पदों का सृजन नहीं कराया गया है.

2011 से नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं की व्यवसायिक एवं प्रशासनिक प्रशिक्षण अभी तक नहीं कराया गया है. जिस कारण लगभग दो सौ कनिष्ठ अभियंता तृतीय वेतन वृद्धि एवं अन्य लाभों से वंचित हैं. कनिष्ठ अभियंताओं की वरिष्ठता सूची बार-बार नियम के विरूद्ध जारी की जा रही है. जिससे सदस्यों की पदोन्नति प्रभावित हो रही है. वहीं संघ ने मांग की मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन करेंगे.

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