रुद्रप्रयाग: विश्वनाथ नगरी गुप्तकाशी के निकटवर्ती ग्राम पंचायत लमगौंडी (शोणितपुर) के ग्रामीणों की आराध्य देवी मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की देव डोलियों का श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया. वहीं 26 वर्षों बाद यात्रा का आयोजित किया जा रहा है. डोली यात्रा सिद्धपीठ कालीमठ से विदा होकर दो दिवसीय रात्रि प्रवास के लिए मोक्ष धाम बदरी नारायण के लिए रवाना हो गयी है. इस दौरान यात्रा ने भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर सहित विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया. दिवारा यात्रा के ऊखीमठ क्षेत्र आगमन पर ग्रामीणों ने भव्य स्वागत कर मनौती मांगी.
भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की दिवारा यात्रा बदरीकाश्रम पहुंचकर बदरीका पुरी में विभिन्न तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने के बाद आगामी चार सितम्बर को गुप्तकाशी पहुंचेगी. वहीं पांच सितम्बर को गुप्तकाशी से रवाना होकर मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की तपस्थली लमगौंडी पहुंचेगी, छः सितम्बर को हवन व विशाल भण्डारे के साथ दिवारा यात्रा का समापन होगा. जिसके बाद मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज जगत कल्याण के लिए तपस्यारत हो जाएंगे.
सिद्धपीठ कालीमठ में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपंन की तथा तैतीस कोटि देवी-देवताओं के साथ मां भगवती काली, मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज का आह्वान कर आरती उतारी तथा श्रद्धालुओं ने भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की डोलियों सहित अनेक देवी-देवताओं के निशाणों का भव्य श्रृंगार किया. जिसके बाद मां भगवती राज राजेश्वरी एवं बाणासुर महाराज की दिवारा यात्रा काली क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर के लिए रवाना हुई.