रुद्रप्रयाग: जिले की डीएम को अचानक से शासन में अटैच करने के फैसले पर जनप्रतिनिधियों में असंतोष देखने को मिल रहा है. केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने केवल डीएम ही नहीं बल्कि अन्य कई प्रशासनिक अधिकारियों के किये जा रहे तबादलों और गैरहाजिरी को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चिंता जताई है.
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को लिखे अपने पत्र में इस बात को लेकर आश्चर्य जताया है कि अचानक क्यों रुद्रप्रयाग जिले को डीएम को हटाया गया है, और अगर हटाया भी गया है तो उसकी जगह तैनाती क्यों नहीं की गई. इतना ही नहीं, केदारनाथ विधायक ने इससे पहले 6 महीने में 3 बार ADM के ट्रांसफर व SDM ऊखीमठ की गैरहाजिरी को लेकर भी गहरी चिंता जाहिर की है.
केदारनाथ विधायक ने सीएम को लिखा पत्र मनोज रावत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि वर्तमान में चार में से केवल एक ही तहसीलदार और 2 ट्रेनी नायाब तहसीलदार जिले को चला रहे हैं. मनोज रावत ने अपने पत्र में कहा है कि रुद्रप्रयाग जिले में धार्मिक यात्रा, पर्यटन जैसी तमाम व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रशासनिक कमी का असर पड़ रहा है. उन्होंने सीएम से जल्द इन पदों पर अधिकारियों की स्थायी तैनाती की अपील की है.
केदारनाथ विधायक ने सीएम को लिखा पत्र 23 साल के जिले में 24 जिलाधिकारी
गौर हो कि जिलाधिकारी वंदना चौहान को रुद्रप्रयाग में अभी केवल 5 महीने ही हुए थे. वो अभी जनपद की स्थिति को सही तरह से समझ भी नहीं पाई थी कि इसी बीच उन्हें शासन में अटैच कर दिया गया है. वंदना रुद्रप्रयाग की 24वीं जिलाधिकारी थीं. अब जिले में 25वें डीएम के तौर पर किसे नियुक्त किया जाएगा वो साफ नहीं है.
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इससे पहले मंगेश घिल्डियाल पिछले तीन वर्षों से जिले की कमान संभाल रहे थे. मई में उन्हें तत्काल प्रभाव से टिहरी जिले की जिम्मेदारी दी गई और सीडीओ पिथौरागढ़ वंदना सिंह जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की कमान सौंपी गई थी लेकिन 5 महीने के अंदर ही उनको अचानक से शासन भेज दिया गया है.
जिले में महिला जिलाधिकारी के रूप में वंदना चौहान भले ही तीसरी जिलाधिकारी रही हैं, मगर ऐसे वह दूसरी जिलाधिकारी हैं जिनका करीब 5 महीने के कार्यकाल में ही तबादला कर दिया गया है. इससे पहले मनीषा पंवार ने भी 5 महीने जिलाधिकारी के रूप में रुद्रप्रयाग जिले में सेवाएं दी हैं.
16 सितंबर 1997 को रुद्रप्रयाग जिला अस्तित्व में आया था. 23 साल से इस जिले ने अबतक 24 जिलाधिकारियों के कार्यकाल को देखा है. यहां नियुक्त डीएम को केदारनाथ यात्रा की जिम्मेदारी भी संभालनी पड़ती है. रुद्रप्रयाग पूर्व डीएम मंगेश घिल्डियाल ने केदारनाथ यात्रा को लेकर काफी अच्छा काम किया था और उनकी छवि भी काफी अच्छी रही है. हालांकि, घिल्डियाल को अब केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्हें पीएमओ में अंडर सेक्रेटरी बनाया गया है. वहां उनका कार्यकाल 4 साल का रहेगा.
मनोज रावत जता चुके हैं नाराजगी
बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में 6 महीने के अंतराल में ही तीन बार अपर जिला अधिकारी पद पर तबादले होते रहे हैं, यही नहीं पिछले 2 महीनों में उखीमठ तहसील के उपजिलाधिकारी पर स्थानीय विधायक मनोज रावत पहले ही क्षेत्र में मौजूद नहीं होने का आरोप लगा चुके हैं. उधर 4 में से केवल एक ही में तहसीलदार और 2 प्रशिक्षु नायाब तहसीलदार तैनात है. यह हाल तब है जब रुद्रप्रयाग जिला धार्मिक पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. सालों से यहां हजारों और लाखों पर्यटक बाबा केदार के दर्शन करने आते रहे हैं. चार धामों में से महत्वपूर्ण केदारनाथ धाम इसी जिले में मौजूद है और फिलहाल यात्रा भी चल रही है. लेकिन इन तमाम बातों से हटकर जिले में अधिकारियों की जरूरी तैनाती तक नहीं हो पा रही है. अधिकारियों की कमी को लेकर केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी और शिकायत दर्ज करवाई है. पत्र में मुख्यमंत्री को इन सभी बातों के बारे में बताया गया है और जल्द अधिकारियों की तैनाती का भी निवेदन किया गया है.