रुद्रप्रयाग:देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थपुरोहितों का विरोध लंबे समय से चला आ रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरोहितों की महापंचायत ने अपना धरना प्रदर्शन रद्द कर दिया था. वहीं, केदारनाथ धाम में देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थपुरोहितों का विरोध जारी है. तीर्थपुरोहितों का कहना है कि जबतक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं किया जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से 30 अक्टूबर तक मामले को सुलझाने के आश्वासन के बाद तीर्थपुरोहितों ने आज होने वाली महारैली को स्थगित कर दिया है. तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सीएम के आश्वासन के बावजूद तय समय तक मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.
CM के आश्वासन के बाद भी नहीं माने केदारधाम के तीर्थपुरोहित. बता दें कि, देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारों धामों में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन दो साल से चला आ रहा है. तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाए. इस बोर्ड के गठन से तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. केदारनाथ यात्रा पर घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी, होटल व्यवसायी जुड़े हैं और देवस्थानम बोर्ड के गठन से मजूदरों और होटल व्यापारियों का इसका बुरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को पूर्ण रूप से भंग किया जाए और अगर सरकार ने 30 अक्टूबर तक इसे भंग करने का फैसला नहीं लिया तो तीर्थपुरोहित आंदोलन को और उग्र करेंगे.
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वहीं, केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद आज होने वाली प्रस्तावित महारैली को स्थगित की गई है. लेकिन केदारनाथ में मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
बीते दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चारधाम देश-दुनिया के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं. सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है. चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
हक-हकूक प्रभावित नहीं होने देंगे: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा. देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा. कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा.
30 अक्टूबर तक आंदोलन स्थगित: चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है. हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेंगे. मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है. हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आन्दोलन स्थगित रखेंगे. उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आयेगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे.
स्थगित चल रही है चारधाम यात्रा: बता दें कि चारधाम के कपाट खुलने के बाद से ही प्रदेश में चारधाम की यात्रा स्थगित चल रही है. बीते 28 जून को हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी. जिसके चलते चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, देवस्थानम बोर्ड भंग किये जाने की मांग को लेकर भी तीर्थपुरोहित आंदोलित थे.
वहीं, पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद तीर्थपुरोहितों को देवस्थानम बोर्ड को लेकर थोड़ी आस जगी है. जिसके बाद राज्य सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. जिसमें चारधाम से जुड़े दो पुजारियों को भी शामिल किया जाएगा. उच्च समिति की रिपोर्ट के आधार पर चारधाम यात्रा और देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार कोई ठोस निर्णय लेगी.
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गौरतलब है कि सात जुलाई को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर सुनवाई होनी थी. लेकिन, उससे पहले 6 जुलाई को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी थी. जिसके बाद हाईकोर्ट में भी मामला विचाराधीन था. वहीं, प्रदेश में चारधाम यात्रा का समय बीतता जा रहा है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में अभी तक एक बार भी सुनवाई नहीं हुई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस लेने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा को संचालित करने की अनुमति देने का अनुरोध भी करेगी.