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केदारनाथ हाईवे पर फिर आया मलबा, 7 घंटे तक फंसे रहे सैकड़ों वाहन - Banswara Hills

शनिवार सुबह बांसबाड़ा में पहाड़ी दरकने से केदारनाथ हाईवे पर 7 घंटे से अधिक समय तक वाहनों की आवाजाही ठप रही. जिससे यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

हाईवे पर मलबा गिरने से 7 घंटे तक आवाजाही ठप रही.

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Published : Sep 14, 2019, 8:42 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ हाईवे पर बांसबाड़ा की पहाड़ियां केदारनाथ यात्रा और केदारघाटी के लिए नासूर बन गई हैं. ऑल वेदर रोड के चलते बांसबाड़ा में हाईवे पर आये दिन भारी मलबा गिरता रहता है. जिसके चलते हाईवे पर घंटों तक यातायात ठप रहता है. यहां पिछले दो माह से प्रति-दिन आवाजाही बंद हो रही है. जिसका सीधा असर केदारनाथ धाम की यात्रा के साथ केदारघाटी के लोगों पर पड़ रहा है.

इसी क्रम में शनिवार सुबह भी बांसबाड़ा में पहाड़ी दरकने से यात्रियों की बसें और जरूरी सामान से लदे ट्रक हाईवे पर 7 घंटे तक फंसे रहे. जिसके चलते केदारघाटी के अनेक बाजारों में समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाई.

बता दें कि केदारनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य केदारघाटी के लिए मुसीबत बन गया है. पहले बरसात के दिनों में केदारनाथ हाईवे बंद होता था, लेकिन इन दिनों बारिश ना होने के बावजूद भी हाईवे की पहाड़ियां दकर रही हैं. जिसके चलते घंटों तक आवाजाही प्रभावित हो रही है.

केदारनाथ हाईवे पर बांसबाड़ा की पहाड़ियां केदारनाथ यात्रा और केदारघाटी के लिए बनी नासूर.

जानकारी के अनुसार ऑल वेदर रोड के तहत हाईवे की कटिंग मानकों के अनुसार नहीं की गई है. कई जगहों पर हाईवे से सटी पहाड़ियों को काटकर ऐसे ही छोड़ा गया है, जिसके चलते जगह-जगह पर पहाड़ियां दरक रही हैं.

बांसबाड़ा 2013 की आपदा में डेंजर जोन बनकर उभरा था. लेकिन उस समय पर इस डेंजर जोन का ट्रीटमेंट नहीं किया गया. जिसके चलते हर साल यह जोन और भी खतरनाक होता जा रहा है. वहीं ऑल वेदर रोड के लिए हो रही कटिंग से यह डेंजर जोन लंबे क्षेत्र में फैल गया है. पूर्व में बांसबाड़ा में पहाड़ी टूटने से आठ मजदूरों की मौत भी हो चुकी है.

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वहीं शनिवार सुबह बांसबाड़ा में पहाड़ी दरकने से हाईवे पर 7 घंटे से अधिक समय तक वाहनों की आवाजाही ठप रही. छोटे वाहनों ने वैकल्पिक मार्ग से हाईवे पार कर लिया लेकिन बसें एवं जरूरी सामान से लदे ट्रक हाईवे पर ही फंस रहे. 7 घंटे तक हजारों यात्री वाहनों के अंदर ही धूप और गर्मी से तपते रहे. हालांकि हाईवे को खोलने में दो जेसीबी मशीनें लगी हुईं थी. लेकिन लगातार मलबा गिरने से हाईवे को खोलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. जिसके बाद यातायात सुचारु हो पाया.

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