रुद्रप्रयाग: जिले में ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य की शुरूआत से ही लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. केदारनाथ हाईवे पर कई ऐसे डेंजर जोन पैदा हो गए हैं, जो खुलेआम मौत को दावत दे रहे हैं. पिछले वर्ष बांसबाड़ा में चट्टान खिसकने से नौ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. ऐसे में ऑल वेदर रोड निर्माण दुर्घटना का बड़ा कारण बना हुआ है.
पहाड़ी जिलों में सड़क हादसों का मुख्य कारण यह है कि ग्रामीण इलाकों में सड़कों की स्थिति काफी खराब है और ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चालक शराब पीकर और ओवरलोडिंग करके वाहन चलाते हैं. जिस कारण सड़क हादसे होते हैं. ऐसे में आम जनता का भी यह मानना है कि अगर परिवहन और पुलिस विभाग वाहन स्वामियों और चालकों को जागरूक करे और चेकिंग अभियान चलाए तो सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा.
पिछले 6 सालों में हुई सड़क दुर्घटना में मौत
2014 में 23 दुर्घटनाओं में 12 लोगों की मौत और 48 लोग घायल
2015 में 40 दुर्घटनाओं में 22 लोगों की मौत और 104 लोग घायल
2016 में 35 दुर्घटनाओं में 23 लोगों की मौत और 63 लोग घायल
2017 में 22 दुर्घटनाओं में 11 लोगों की मौत और 55 लोग घायल
2018 में 15 दुर्घटनाओं में 14 लोगों की मौत और 12 लोगों घायल
2019 में 19 दुर्घटनाओं में 17 लोगों की मौत और 43 लोग घायल
इन आंकड़ों पर नजर डाले तो देखा जा सकता है कि रुद्रप्रयाग जिले में दुर्घटनाओं में कमी आई है. 6 साल में 154 दुर्घटनाओं में 99 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 325 लोग घायल हुए हैं. सड़क दुर्घटनाओं का एक कारण ऑल वेदर रोड निर्माण भी माना जा रहा है, क्योंकि जब से निर्माण कार्य की शुरूआत हुई है दुर्घटनाएं बढ़ने लगी हैं.
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सड़क दुर्घटनाओं को लेकर परिवहन विभाग और पुलिस दोनों ही संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं. रात के समय वाहनों की चेकिंग की जा रही है और वाहन चालकों का भी टेस्ट किया जा रहा है. जिससे यह पता चल सके कि वाहन चालक कहीं शराब के नशे में वाहन तो नहीं चला रहा है. परिवहन विभाग की ओर से स्कूलों में जाकर भी अभियान चलाया जा रहा है. स्कूली बच्चों को वाहन अधिनियम की जानकारी दी जा रही है.