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बारिश से केदारनाथ धाम में रुके निर्माण कार्य, कीचड़ में तब्दील हुए NH - रुद्रप्रयाग हिंदी समाचार

रुद्रप्रयाग में लगातार बारिश होने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश के कारण केदारनाथ धाम में हो रहे निर्माण कार्य रुक गए हैं. वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में नेशनल हाईवे कीचड़ में तब्दील हो गए हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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कीचड़ में तब्दील हुआ नेशनल हाईवे

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Published : Jul 21, 2021, 6:50 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में लगातार बारिश हो रही है. इस कारण यहां का जन-जीवन खासा प्रभावित हो गया है. उधर, केदारनाथ धाम में पिछले 4 दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है. ऐसे में धाम में हो रहे पुनर्निर्माण कार्य रुक गए हैं. वहीं, केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे की हालत खस्ता हो चुकी है. जगह-जगह कीचड़ और मलबा होने से लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

रुद्रप्रयाग के पहाड़ी जिलों में लगातार हो रही बारिश की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में लिंक मार्ग बंद हो गए हैं. ऐसे में ग्रामीण लोगों को रोजमर्रा की वस्तुएं लाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उधर, जिला मुख्यालय स्थित पुनाड़ गदेरे के उफान पर आने से पिछले 3 दिनों से पेयजल सप्लाई ठप पड़ी है. ऐसे में स्थानीय लोगों को पीने का पानी भी नहीं नसीब हो पा रहा है. जिन जगहों पर पानी आ भी रहा है, वहां दूषित पेयजल की सप्लाई की जा रही है. इससे लोगों में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है.

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वहीं, लगातार हो रही बारिश की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे कीचड़ में तब्दील हो गया है. ऐसे में राजमार्ग पर वाहन चलाना या पैदल चलना काफी जोखिम भरा हो गया है. उधर, ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के नरकोटा, खांखरा और सिरोबगड़ में पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है. अगर केदारनाथ हाईवे की बात करें तो यहां ऑल वेदर रोड निर्माण कार्य के बाद से कई जगह डेंजर जोन के रूप में उभर आए हैं. राजमार्ग के सौड़ी, रामपुर, अंधेरगड़ी, कुंड, फाटा, शेरसी, नारायणकोटी और सोनप्रयाग में भारी भूस्खलन हो रहा है.

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जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट और दिनेश बिष्ट का कहना है कि बारिश के कारण रैंतोली में भूस्खलन होने से सभी आवासीय भवन खतरे की जद में आ गए हैं. इसकी सूचना प्रशासन को दे दी गई है. इसके बावजूद कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच रहा है. ऐसे में पीड़ित परिवार अपने आशियानों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि आपदा प्रबंधन विभाग भी सूचना दिए जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

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