रुद्रप्रयाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत मंदाकिनी नदी पर गरूड़चट्टी को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे 60 मीटर स्पान के पुल के एंबेडमेंट को दुग्ध गंगा के बहाव से कोई खतरा नहीं हैं. भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर एंबेडमेंट का निर्माण किया जा रहा है. जबकि दुग्ध गंगा को चैनेलाइज करने के लिए कार्यदायी संस्था द्वारा शासन को 70 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है.
आपदा में मंदाकिनी नदी के सैलाब से गरूड़चट्टी को जोड़ने वाला लोहे का पुल ध्वस्त हो गया था. साथ ही यहां नदी का स्पान भी बढ़ गया था. साल 2018 से यहां पर 60 मीटर स्पान के पुल का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर की तरफ के एंबेडमेंट का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि इन दिनों दुग्ध गंगा के समीप दूसरे एंबेडमेंट का निर्माण कार्य चल रहा है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है.
अधिकारियों का कहना है कि भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट और डिजायन से ही एंबेडमेंट बनाया जा रहा है. साथ ही दोनों एंबेडमेंटों के बाहरी तरफ सुरक्षा दीवार पहले से प्रस्तावित है. इसलिए, दुग्ध गंगा से पुल के एंबेडमेंट को कोई खतरा नहीं है. साथ ही आपदा के बाद से अपने मूल स्थान से कुछ दूर बह रही दुग्ध गंगा को भी चैनेलाइज किया जाना है.