रुद्रप्रयाग:केदारनाथ यात्रा के पड़ाव सोनप्रयाग में आठ साल बाद भी बहुउद्देशीय पार्किंग का निर्माण नहीं हो पाया है, जिस कारण यात्रा के समय तीर्थ यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही लम्बा जाम लगने से तीर्थ यात्रियों को पांच मिनट का सफर तय करने के लिए घंटों लग जाते हैं. पार्किंग सुविधा नहीं होने से स्थानीय व्यापारी भी खासे परेशान रहते हैं.
बता दें कि केदरनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में आठ वर्ष बाद भी 70 करोड़ की लागत से बनने वाली बहुउद्देशीय पार्किग का निर्माण नहीं किया जा सका है. पार्किंग में हेलीपैड बनना था, जिससे दैवीय आपदा की किसी भी संभावित घटना के दौरान राहत व बचाव कार्य शीघ्रता से किया जा सके. मगर, दुर्भाग्य ही है कि करोड़ों की लागत से बनने वाली पार्किंग का निर्माण आज तक नहीं हो सका है. साल 2013 की केदारनाथ त्रासदी में सोनप्रयाग बाजार को भी भारी नुकसान पहुंचा था. इस स्थान पर कई आवासीय भवन, होटल, लॉज व वाहनों के पार्किग स्थल सैलाब में बह गए थे.
वहीं, आपदा के बाद फिर से यहां पर बहुउद्देशीय पार्किंग के निर्माण की रूपरेखा साल 2014 में तैयार की गई थी और सत्तर करोड़ का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया. इसके निर्माण का जिम्मा राजकीय निर्माण निगम उत्तर प्रदेश को दिया गया. मगर निर्माण कार्य कछुआ गति से चलने के कारण आपदा के आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक पूरा नहीं हो सका है. अस्थाई रूप से आधा अधूरी पार्किग में ही वाहन खड़े किए जा रहे हैं, जबकि अधिकांश वाहन मुख्य सड़क हाइवे पर ही खड़े रहते हैं, जिस कारण कई बार घंटों का जाम लग जाता है.
इस बहुउद्देशीय पार्किग में आपदा प्रभावित लोगों के दुकानों के साथ ही तीसरे मंजिल पर हेलीपैड का निर्माण भी होना है, ताकि भविष्य में किसी आपदा जैसी घटना की संभावना को देखते हुए राहत व बचाव कार्य किए जा सकें. पार्किंग का निर्माण कार्य धीमी गति से चलने का खामियाजा स्थानीय व्यापारियों को भी भुगतना पड़ रहा है, जबकि बीते यात्रा काल में यात्रियों को असुविधा और घंटों जाम में फंसने की तकलीफें झेलनी पड़ी थी. साल 2021 में पार्किंग में 90 दुकानें तैयार हो चुकी थी, जिन्हें स्थानीय लोगों को आवंटित कर दिया गया. अब शेष कार्य को करने में कार्यदायी संस्था देरी कर रही है. निर्माण के बाद दो मंजिला पार्किंग में पार्किंग की छत पर 175 कार पार्क हो सकेंगी.