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रुद्रप्रयाग में असहाय पशुओं को मिलेगा आशियाना, रैंतोली के पास गौशाला का निर्माण शुरू - Construction of cow shed near Rantoli

Helpless animals will get home in Rudraprayag रुद्रप्रयाग में असहाय पशुओं के लिए रैंतोली के पास गौशाला का निर्माण शुरू हो गया है. दो मंजिला भवन में गायों के ट्रीटमेंट के साथ ही उन्हें सुरक्षित भी रखा जाएगा.

Rudraprayag
रुद्रप्रयाग

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 8, 2023, 10:55 PM IST

रुद्रप्रयाग: नगर क्षेत्र रुद्रप्रयाग में घूम रहे असहाय पशुओं की सुरक्षा को लेकर नगर पालिका की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से रैंतोली में गौशाला का निर्माण किया जा रहा है. दो मंजिला भवन में गायों के ट्रीटमेंट से लेकर उन्हें सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे उनकी सुरक्षा हो सके और ठीक होने पर उनका सदुपयोग किया जा सके.

बता दें कि रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में तीन दर्जन से ज्यादा असहाय गाय और नंदी घूम रहे हैं. इन गायों और नंदी के कारण आए दिन जाम की स्थिति बनने के साथ ही राहगीरों को बहुत सारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. जबकि नगर क्षेत्र के व्यापारियों से लेकर देश-विदेश से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु इन असहाय गाय और नंदी के वजह से परेशान रहते हैं.

ऐसे में इनके संरक्षण को लेकर नगर पालिका ने जिला प्रशासन के सहयोग से बदरीनाथ हाईवे के रैंतोली के पास गौशाला का निर्माण शुरू कर दिया है. यह कार्य चार से पांच माह में पूरा हो जाएगा, जिसमें करीब 50 से ज्यादा घायल, असहाय गायों एवं नंदी रखे जाएंगे. इन गायों के ठीक होने के बाद कोई उन्हें पालने के लिए ले भी जा सकता है.

निर्माणाधीन गौशाला का निरीक्षण: बुधवार को नगर पालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वाण के साथ विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) की टीम ने रैंतोली में निर्माणाधीन गौशाला का निरीक्षण किया. नगर पालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वाण ने कहा कि 24 लाख की लागत से रैंतोली में गौशाला निर्माण किया जा रहा है. यह निर्माण कार्य चार-पांच माह में पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि आज से पहले किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस मुद्दे को लेकर कोई आवाज नहीं उठाई. उनके कार्यकाल में नगर क्षेत्र की जनता की लम्बी पुरानी मांग पूरी हो रही है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के सहयोग से यह कार्य संभव हो पाया है.
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घायल व बीमार अवस्था के मवेशियों का इलाज:नगर पालिका रुद्रप्रयाग क्षेत्र में दर्जनों गाय और नंदी घायल व बीमार अवस्था में घूम रही हैं. इन गायों के ट्रीटमेंट को लेकर विश्व अखाड़ा परिषद का गौ रक्षा विभाग और पशु पालन विभाग की टीम कार्य कर रही है. स्थानीय लोगों ने गायों और नंदी के उपचार को लेकर किये जा रहे कार्य की सराहना की है.

राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन रहे घायल मवेशी: बता दें कि जिला मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों में घूम रही गाय व नंदी चोटिल अवस्था में हैं. नंदी जहां आपसी संघर्ष के कारण चोटिल हो रहे हैं. वहीं गाय रात के समय सड़कों में पड़े होने से भारी वाहनों की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में गाय और नंदी घायल हो रहे हैं और सही समय पर इनका उपचार नहीं होने के कारण इनके चोटिल वाले स्थान पर कीड़े मांस को खा रहे हैं. जिस कारण यह बाजारों में जगह-जगह यहां वहां भटककर राहगीरों के साथ ही व्यापारियों और तीर्थ यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं.

अखाड़ा परिषद का गौ रक्षा दल से शुरू की मुहिम:विश्व अखाड़ा परिषद का गौ रक्षा विभाग मुहिम छेड़कर इनके उपचार को लेकर आगे आया है. बीते एक सप्ताह के भीतर गौ रक्षा विभाग करीब 6 से सात गाय व नंदी का उपचार पशुपालन विभाग के सहयोग से कर चुका है.

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