रुद्रप्रयाग: राज्य और केन्द्र सरकार देश के युवाओं को स्वरोजगार दिलाने के साथ ही विभिन्न रोजगार परख शिक्षण संस्थायें खोलने की बात करती रही है. जिनके लिए कई स्तर पर काम भी किये जाते हैं लेकिन सरकारों की उदासीनता के कारण ये अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे ही कुछ हालात राज्य के दर्जनों पाॅलिटेक्निक और आईटीआई शिक्षण संस्थानों के हैं जो कि बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. ऐसा ही एक आईटीआई संस्थान रुद्रप्रयाग के चिरबटिया में है जिसे शुरू तो किया गया लेकिन शायद सरकार इस ओर ध्यान देना भूल गई.
रुद्रप्रयाग के जखोली विकासखण्ड के दूरस्थ क्षेत्र चिरबटिया का आईटीआई शुरुआती दौर से ही अव्यवस्थाओं का दंश झेल रहा है. साल 1989 में उत्तरप्रदेश सरकार ने टिहरी और रुद्रप्रयाग की सीमा पर चिरबटिया में आईटीआई शिक्षण संस्थान को स्वीकृति दी थी. जिसका संचालन 1992 में तीन ट्रेडों के साथ किराये के भवन पर शुरू किया गया था.
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इस संस्थान की ओर सरकार की उदासीनता का आलम इस बात से लगाया जा सकता है कि 27 साल बीत जाने के बाद भी इसे आज तक अपना भवन नसीब नहीं हो पाया है. यहां के छात्र जर्जर भवनों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. भवनों के अभाव के कारण छात्र-छात्राओं को प्रेक्टिकल ज्ञान नहीं मिल पाता. साथ ही शिक्षण संस्थान के कमरों में जगह-जगह पानी आने से लाखों के उपकरण भी खराब हो रहे हैं.