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जोशीमठ आपदा के बाद बदरी-केदार में भी नुकसान की आशंका! चारधाम महापंचायत ने जताई चिंता

चारधाम महापंचायत (Chardham Mahapanchayat) को बदरी केदार में किसी बड़े नुकसान की आशंका (Fear of major damage in Badri Kedar) है. चारधाम महापंचायत ने कहा धामों में चल रहे निर्माण कार्यों से भविष्य में नुकसान हो सकता है. चारधाम महापंचायत ने कहा कि जोशीमठ में अंधाधुंध निर्माण कार्यों (Indiscriminate construction work in Joshimath) का ही असर है कि आज वहां आपदा जैसे हालात हैं. अब धामों में भी बड़े स्तर पर निर्माण कार्य हो रहे हैं. जिससे उनके भविष्य पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.

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जोशीमठ आपदा के बाद बदरी-केदार में भी नुकसान की आशंका

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Published : Jan 12, 2023, 7:20 AM IST

Updated : Jan 12, 2023, 11:47 AM IST

जोशीमठ आपदा के बाद बदरी-केदार में भी नुकसान की आशंका

रुद्रप्रयाग: चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव (landslide in joshimath) के बाद केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में भी कोई बड़ा नुकसान होने की आशंका नजर आ रही है. जिसको लेकर चारधाम महापंचायत को चिंता सताने लगी है. चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी की मानें तो आपदा के बाद से केदारनाथ धाम में शीतकाल के समय भी पुनर्निर्माण कार्य किये जा रहे हैं. बदरीनाथ धाम में भी कई बड़े निर्माण कार्य गतिमान हैं. ग्रीष्मकाल में जहां नर भगवान केदारनाथ और बदरी विशाल की पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं शीतकाल में देवता दोनों धामों की पूजा करते हैं. ऐसे में दोनों धामों की परम्परा के साथ खिलवाड़ हो रहा है, जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है.

बता दें चमोली जिले के जोशीमठ में भू धंसाव होने से सैकड़ों परिवार बेघर हो चुके हैं. इस भू धंसाव का कारण एनटीपीसी जल विद्युत परियोजना को बताया जा रहा है. जोशीमठ के ठीक नीचे परियोजना के निर्माण से आज बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है. लोगों को हर समय चिंता सता रही है. शासन-प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही मंत्रियों एव विधायकों ने जोशीमठ में डेरा डाला हुआ है. खुद मुख्यमंत्री धामी भी जोशीमठ में कैंप कर रहे हैं. विपक्ष भी मजबूती के साथ प्रभावितों के साथ खड़ा नजर आ रहा है. जोशीमठ में हो रहे भूधंसाव की घटना के बाद अब चारधाम महापंचायत को केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की चिंता भी सताने लगी है.
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महापंचायत के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि जोशीमठ की आपदा से सभी लोग भली भांति वाकिफ हैं. पहाड़ की भूमि को खोदकर रख दिया है. उन्होंने कहा पहाड़ी जिलों में हो रहे विकास कार्य तो दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन विनाश का मंजर हर तरफ नजर आ रहा है. लोगों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ में भी विनाश किया जा रहा है. दोनों धामों के तीर्थ पुरोहितों एवं स्थानीय लोगों को नहीं पूछा जा रहा है. अपनी मनमानी से कार्य किये जा रहे हैं.

महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में छह माह ग्रीष्मकाल में नर पूजा-अर्चना करते हैं, जबकि छह माह दोनों धामों के कपाट बंद रहते हैं. तब यहां पर देवता पूजा करते हैं. मगर आपदा के बाद से केदारनाथ धाम में शीतकाल के समय पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से किये जा रहे हैं. केदारनाथ धाम में भगवान शंकर की तपस्या में विघ्न पैदा किया जा रहा है. प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे समय से रोका जाना बहुत जरूरी है.
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उन्होंने कहा वायु सेना के चिनूक हेलीकाॅप्टर की मदद से भारी मशीनों को केदारनाथ और बदरीनाथ पहुंचाया जा रहा है. चिनूक की गर्जना से हिमालय पर बुरा असर पड़ रहा है, जबकि वन्य जीव जंतु भी इसका शिकार हो रहे हैं. जब से केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य शीतकाल में किये जाने लगे हैं, तब से हिमालय में परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जो आने वाले भविष्य के लिए किसी अशुभ संकेत से कम नहीं हैं. केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ में जो लोग रह रहे हैं, वे धाम की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. जबकि शीतकाल के समय केदारनाथ मंदिर के आस-पास भी जाना परम्परा के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने कहा सरकार और शासन-प्रशासन को चेताने के बाद भी कोई सबक नहीं लिया जा रहा है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो केदारनाथ और बदरीनाथ धाम नहीं बचने वाले.

Last Updated : Jan 12, 2023, 11:47 AM IST

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