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अगस्त्यमुनि विकासखंड प्रमुख की कुर्सी पर मंडरा रहे संकट के बादल, सदस्यों ने खोला मोर्चा

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Published : Jan 1, 2023, 3:59 PM IST

अगस्त्यमुनि विकासखंड प्रमुख की कुर्सी पर संकट (Crisis on chair of Agastyamuni block pramukh) के बादल मंडरा रहे हैं. क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने प्रमुख विजया देवी (Agastyamuni block pramukh Vijaya Devi) के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका है. 40 में से 32 क्षेत्र पंचायत सदस्य अगस्त्यमुनि विकासखंड प्रमुख विजया देवी के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं.

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अगस्त्यमुनि विकासखंड प्रमुख की कुर्सी पर संकट

रुद्रप्रयाग: जनपद में तेजी से घटते एक घटनाक्रम से जनपद के एक विकास खण्ड में प्रमुख की गद्दी हिलती नजर आ रही है. हालांकि, अभी यह एक आशंका ही है. मगर अगस्त्यमुनि विकासखंड में बड़ी संख्या में क्षेत्र पंचायत सदस्यों के एक साथ एकत्रित होने से इस आशंका के फलीभूत होने की प्रबल सम्भावना बन रही है.

मामला प्रदेश के सबसे बड़े अगस्त्यमुनि विकासखंड (Agastyamuni Development Block) में 40 में से 32 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने प्रमुख विजया देवी (Agastyamuni block pramukh Vijaya Devi) के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका है. किसी अनजान जगह पर हुई बैठक का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें एक साथ लगभग 32 क्षेपंस एक साथ फोटो खिंचवा रहे हैं. यह बैठक ज्येष्ठ प्रमुख सुभाष नेगी की अध्यक्षता में बताई जा रही है.

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बताया जा रहा है की बैठक में सदस्यों के मानदेय भुगतान न होने, सदस्यों की विकास योजनाओं की अनदेखी, प्रमुख द्वारा सदस्यों के फोन न उठाने तथा विकास खण्ड कार्यालय में सदस्यों को उचित सम्मान न मिलने पर चर्चा हुई. हालांकि, कई सदस्य इस बात से साफ इनकार कर रहे हैं कि यह बैठक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के सम्बन्ध में थी. परन्तु पिछले दिनों घटे कई घटनाक्रमों से यह अविश्वास प्रस्ताव पर सदस्यों के विचार जानने का एक अवसर दिखता है.

पिछले दिनों प्रमुख विजया देवी द्वारा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अवकाश पर चले जाना तथा चिकित्सा अवकाश अचानक समाप्त कर वापस आना, कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी के संकेत दे रहे हैं. यही, नहीं कार्यकाल को तीन वर्ष गुजरने के बाबजूद प्रमुख ब्लॉक मुख्यालय में होने वाले अधिकांश कार्यक्रमों से नदारद रहना भी कहीं न कहीं उनकी संवादहीनता को ही दर्शाता है.

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पिछले वर्ष अगस्त्यमुनि में आयोजित वैशाखी मेले में लगे बैनरों से जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह एवं प्रमुख विजया देवी का नाम नदारद रहने पर इन्होंने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए साफ-साफ कहा था कि जनपद में दलित जनप्रतिनिधियों को कार्य नहीं करने दिया जा रहा है. यह सच भी साबित हुआ, जब जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह के खिलाफ पिछले दिनों अविश्वास प्रस्ताव पास भी हो गया.

अमरदेई शाह तो भाजपा की कार्यकत्री रही हैं, इसलिए वे दोबारा जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं. अब यही आशंका विजया देवी के साथ भी है. विजया देवी 2019 में निर्दलीय सदस्य के तौर पर प्रमुख बनी. वे बाद में कांग्रेस में शामिल हो गईं. उस समय भाजपा ने उन्हें पार्टी में शामिल कराने की पूरी कोशिश की थी. अब लगता है भाजपा को मौका मिल गया है.

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मंदाकिनी विकासखण्ड में कुल 40 क्षेपंस हैं. जिसमें से बैठक में 32 सदस्य मौजूद थे. प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 27 सदस्यों की आवश्यकता पड़ेगी. बैठक के हिसाब से देखा जाय तो विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव के लिए पूर्ण बहुमत है. प्रमुख को अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को गिराने के लिए 14 सदस्यों की आवश्यकता है.

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