रुद्रप्रयागःउत्तराखंड में चारधाम यात्रा चरम पर है.केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश सरकार ने एक दिन में केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 13000 निर्धारित की है. वहीं, अब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत एक दिन में 7 से साढ़े सात हजार यात्रियों के ही धाम में जाने की अपील कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री के हिसाब से धाम में व्यवस्थाएं चाक चौबंद हैं, लेकिन 10 दिन की यात्रा में ही 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 20 से अधिक लोग घायल व चोटिल हो चुके हैं.
केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा बेहद ही दुर्गम है. जबकि, हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्री की यात्रा आसान हो जाती है. हेलीकॉप्टर से जहां मात्र 10 से 15 मिनट में केदारनाथ पहुंचा जाता है. वहीं, पैदल मार्ग की 18 से 20 किमी की दूरी को पूरा करने में कई घंटे लग जाते हैं. केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा करने वाले यात्रियों को कई दुश्वारियों से होकर भी गुजरना होता है, खासकर बुजुर्ग यात्रियों को.
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पैदल मार्ग पर जहां बारिश और ठंड से तबीयत खराब होने का भय है. वहीं, घोड़े-खच्चरों का धक्का लगने से खाई में गिरने का डर. ऐसे में यात्रियों को संभल कर बाबा केदार की पैदल यात्रा करनी चाहिए. एक ही रास्ते से घोड़े खच्चरों और पैदल यात्रा का संचालन होता है. धाम में जहां सिक्स सिग्मा और विवेकानंद फाउंडेशन अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. वहीं, पैदल यात्रा मार्ग पर जगह जगह स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की इकाईयां खोली गई हैं, लेकिन ये सब इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं.
केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होगी, प्रदेश सरकार ने बेहतर इंतजाम किए हैं. उनकी अपील है कि केदारनाथ में सात से साढ़े सात हजार यात्री ही एक दिन धाम में जाएं.चारों धामों में आने वाले यात्रियों को कोई भी परेशानी न हो इस बात का ख्याल सरकार रख रही है.-धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री, उत्तराखंड
केदारनाथ यात्रा रूट में 62 घोड़े खच्चर संचालकों का चालानःकेदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़ा खच्चरों के संचालन से जाम लग रहा है. इसी कड़ी में जिला पंचायत ने यात्रा मार्ग में बिना लाईसेंस के संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों व हाॅकरों पर चालान की कार्यवाही की है. अभी तक 62 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया जा चुका है. साथ ही उनसे 31 हजार रुपए का अर्थदंड भी वसूला गया.
हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लगकर करेंगे दर्शनः केदारनाथ धाम में क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिस कारण प्रशासन की यात्रा व्यवस्थाओं की पोल खुल रही है. जबकि, वीआईपी दर्शन खत्म करने की बात कही गई है. इसमें हेली सेवाओं से आने वाले तीर्थयात्रियों को रखा गया है. जो अब आम श्रद्धालुओं की तरह बाबा के दर्शन करेंगे. बीती 13 मई को मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को खत्म कर एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे.