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PM मोदी के दिशा-निर्देशन में केदारनाथ में बनाई जाएगी ब्रह्म वाटिका, वन अपराध नियंत्रण चौकी बनकर तैयार - केदारनाथ में ब्रह्म वाटिका का निर्माण

केदारनाथ धाम में पीएम मोदी के दिशा-निर्देशन में तीन सौ वर्ग मीटर के दायरे में ब्रह्म वाटिका तैयार की जाएगी. जबकि, वन अपराध नियंत्रण चौकी भी तैयार हो चुकी है.

brahma vatika
ब्रह्म वाटिका

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Published : Sep 29, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 6:37 PM IST

रुद्रप्रयागः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाबा केदार से अटूट आस्था जुड़ी हुई है और आपदा के बाद से कई बार वे बाबा के धाम भी आ चुके हैं. पीएम मोदी के दिशा-निर्देशन में धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी चल रहे हैं, जिसका जायजा वो खुद समय-समय पर लेते हैं. उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल शंकराचार्य समाधि स्थल का कार्य दूसरे चरण में है तो आस्था पथ का कार्य पूरा हो गया है. वहीं, अब पीएम मोदी के दिशा-निर्देश पर ब्रह्म वाटिका बनाई जानी प्रस्तावित है. यह ब्रह्म वाटिका तीन सौ वर्ग मीटर के दायरे में तैयार की जाएगी.

केदारनाथ में बनाई जाएगी ब्रह्म वाटिका.

वहीं, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने धाम में वन अपराध नियंत्रण चौकी तैयार की है. इससे जहां ब्रह्मवाटिका का संरक्षण किया जाएगा तो वहीं, हिमालय क्षेत्र में वानिकी कार्यों को बढ़ावा देने के साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण में भी मदद मिलेगी. ब्रह्मवाटिका के संरक्षण के साथ ही चौकी में हिमालय क्षेत्र के वन्य जीव और वनस्पतियों की सुरक्षा व उपचार के लिए जरूरी उपकरण भी रखे जाएंगे.

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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पांच कार्य केदारनाथ धाम में होने हैं. इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों के तीन भवन पहले ही बन चुके हैं, जबकि दो भवन बनकर तैयार होने को हैं, जिन्हें जल्द ही पुरोहितों को सौंप दिया जाएगा. वहीं, विषम परिस्थितियों में रेंज कार्यालय ऊखीमठ व प्रभागीय कार्यालय गोपेश्वर को तत्काल सूचना पहुंचाने के लिए यहां वायरलेस स्टेशन व कंट्रोल रूम की सुविधा भी है. चौकी में फॉरेस्टर, फॉरेस्ट गार्ड और दो फॉरेस्ट वॉचर की तैनाती अक्तूबर के पहले हफ्ते तक कर दी जाएगी. ये कर्मचारी उच्च हिमालय क्षेत्र में वानिकी कार्यों को बढ़ावा देंगे.

केदारनाथ आपदा में बह गई थी वन विभाग की चौकी
साल 2013 में 16 और 17 जून को आई प्रलयकारी आपदा के दौरान वन विभाग की चौकी बह गई थी. वन विभाग की चौकी न होने से केदारनाथ क्षेत्र में ब्रह्म कमल का अत्यधिक दोहन किया जा रहा था और हिमालयी क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियां भी बढ़ती जा रही थी. ऐसे में केदारनाथ धाम में वन अपराध नियंत्रण चौकी का निर्माण किया जाना जरूरी था.

Last Updated : Sep 29, 2020, 6:37 PM IST

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