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केदारनाथ धाम में BKTC और सुरक्षा कर्मियों ने लिया हिमालय बचाने का संकल्प, लोगों से की आगे आने की अपील

Badri Kedar Temple Committee बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति केदारनाथ धाम को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है. इसी कड़ी में मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने केदारनाथ मंदिर परिसर में हिमालय बचाने की शपथ ली. इस मौके पर उन्होंने इस मुहिम में लोगों को भी आगे आने की अपील की.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 6, 2023, 7:39 AM IST

रुद्रप्रयाग:बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अधिकारियों- कर्मचारियों ने केदारनाथ मंदिर परिसर में हिमालय बचाने की शपथ ली.कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने हिमालय के जल- जीवन, पर्यावरण तथा हिमालय पर्वत श्रृंखला की रक्षा का संकल्प दिलाया. हिमालय प्रतिज्ञा में मंदिर समिति कर्मचारी एवं सेना,पुलिस,आईटीबीपी, एसडीआरएफ सहित केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित व साधु-संत तीर्थयात्री शामिल हुए.

पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प:बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा है कि हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास किये जाने की आवश्यकता है.केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि हिमालय बचाओ प्रतिज्ञा पर्यावरण संरक्षण की अच्छी पहल है.इस अवसर पर कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, डीएस भुजवाण वेदपाठी यशोधर मैठाणी, स्वयंबर सेमवाल एवं आशाराम नौटियाल, प्रदीप सेमवाल एवं अरविंद शुक्ला, लोकेंद्र रूवाड़ी कुलदीप धर्म्वाण, सहित सभी कर्मचारी मौजूद रहे.
पढ़ें-केदारनाथ में यात्रियों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण प्रसाद, प्लास्टिक रहित होगी पैकेजिंग

बदरी केदार मंदिर में पॉलिथीन बैन :बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बदरीनाथ धाम में भी हिमालय बचाओ प्रतिज्ञा ली गयी. समिति द्वारा समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्य किया जाता रहा है. विगत कई वर्षों से मंदिर समिति द्वारा प्रसाद कागज के पैकेटों/ डिब्बों में दिया जाता है. पॉलिथीन बदरी- केदार मंदिर परिसर में प्रतिबंधित किया गया है. बता दें कि केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को प्लास्टिक के बजाय कागज के दोने में ही प्रसाद उपलब्ध कराया जाता है. जिससे धाम में कम से कम कूड़ा एकत्र हो. साथ ही ये मुहिम पर्यावरण संरक्षण की दिशा बेहतर कार्य है.

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