रुद्रप्रयाग: हिंसक जानवरों से लोगों को राहत दिलाने के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से अनोखी पहल की जा रही है. अगर यह योजना कारगर साबित होती है तो भविष्य में लोगों को जंगली जानवरों से निजात मिल जायेगी. अब तक इस विधि का प्रयोग विदेशों में ही किया जाता था, लेकिन अब पहाड़ी जिलों में भी इसका प्रयोग किया जायेगा. जिससे हिंसक जानवरों से लोगों को राहत पहुंचाई जा सकेगी.
पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों को भगाने के लिए होगा बीयर स्प्रे का इस्तेमाल केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग करेगा बीयर स्प्रे का इस्तेमाल
दरअसल, पहाड़ी जिलों में भालू, सुअर व बंदरों के आतंक से ग्रामीण जनता काफी परेशान रहती है. आये दिन ये हिंसक जानवर लोगों पर जानलेवा हमला कर देते हैं. इसके अलावा फसलों को भी वे भारी नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से बीयर स्प्रे की योजना बनाई गई है. जिससे इन हिंसक जानवरों के हमले से बचने में मदद मिलेगी.
पहले खरीदी गई हैं 25 बीयर स्प्रे बोतल
केदारनाथ प्रभाग की ओर से अभी 25 स्प्रे बोतल खरीदी गई हैं, जो रेंजवार अधिकारी एवं कार्मिकों को दी गई हैं. इस स्प्रे बोतल का ट्रायल भी शुरू किया जा चुका है. बीते कुछ वर्षों से रुद्रप्रयाग व चमोली जिले में हिंसक जानवरों के हमले की घटनाएं ज्यादा बढ़ी हैं. इस दौरान कई लोगों की मौत भी हो चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
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कई लोग जंगली जानवरों के हमले में गंवा चुके हैं जान
साल 2020-21 में अभी तक केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के अन्तर्गत हिंसक जानवरों के हमले की दो दर्जन घटनाएं घट चुकी हैं. जबकि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग में भी एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं. इनमें मानव व पालतू मवेशी शामिल हैं. अब, विभाग ने हिंसक जानवरों के आतंक से निपटने के लिए बीयर स्प्रे योजना बनाई है. इस स्प्रे की मदद से ग्रामीण महिलाएं अपने को हिंसक जानवरों के हमले से बचा सकेंगी. इसके लिए प्रभागीय स्तर पर रेंजवार गांवों को चिह्नित किया जा रहा है, जहां जंगली जानवरों का खतरा अधिक है. खेतों व जंगल में चारापत्ती व लकड़ी के लिए जाने वाली महिलाओं को बीयर स्प्रे के बारे में जानकारी दी जाएगी. अभ्यास के तौर पर उन्हें बताया जाएगा कि जानवरों के हमले से बचने के लिये किस तरह से स्प्रे का प्रयोग करना है.
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पहले चरण का ट्रायल शुरू
पहले चरण में प्रभाग के सभी रेंजों में कार्मिकों द्वारा स्प्रे के साथ ट्रायल किया जाएगा. इसके लिए प्रभागीय कार्यालय की ओर से 25 स्प्रे बोतल की खरीद की गई है. दूसरे चरण में रेंजवार संवेदनशील गांवों में ग्रामीणों को यह स्प्रे बोतल उपलब्ध कराई जाएंगी. जिसका न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया गया है.
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केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि हिंसक जानवरों के बढ़ते हमलों से निजात पाने के लिए अब बीयर स्प्रे का प्रयोग किया जाएगा. ट्रायल के तौर पर अभी 25 बोतल खरीदी गई हैं, जो रेंजवार कर्मियों को दी जायेंगी. प्रयोग सफल रहा तो इन स्प्रे को महिलाओं और ग्रामीणों को वितरित किया जाएगा.
क्या होता है बीयर स्प्रे
बीयर स्प्रे में लगभग दो प्रतिशत कैप्सेसिन और कैपेसिकिनोइड रसायन होता है. खतरे की स्थिति में तीन मीटर की दूरी से हिंसक जानवर पर इस स्प्रे का छिड़काव करने से भाग जाता है. विदेशों में हिंसक जानवरों को भगाने के लिए काली मिर्च व लाल मिर्च के स्प्रे का भी प्रयोग किया जाता है. अमेरिका, कनाडा में भी बीयर स्प्रे का प्रयोग किया जाता है, जिसके लिए कुछ नियम तय हैं.