रुद्रप्रयाग: क्षेत्र पंचायत ऊखीमठ की पहली त्रैमासिक बैठक में गांवों की जरूरत के हिसाब से विकास कार्यों की रूपरेखा तैयार करने पर चर्चा हुई. इस दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने पर जोर दिया गया. बैठक में ऊर्जा निगम के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर सदन में निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया.
ब्लॉक सभागार में ब्लॉक प्रमुख श्वेता पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बीडीसी मीटिंग में केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से बेहतर कार्य का आह्वान किया. उन्होंने गांवों की मूलभूत जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की बात कही.
इस अवसर पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों को बेहतर तालमेल के साथ कार्य करने को कहा. डीएम ने कहा कि ग्राम प्रधान राज्य वित्त, मनरेगा में अपनी ग्राम पंचायत के राजकीय विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं पंचायत घरों में प्राथमिकता के आधार पर जरूरी कार्य करा सकते हैं.
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बैठक में ब्लॉक प्रमुख श्वेता पांडे ने त्रिस्तरीय पंचायत स्तर पर ऊखीमठ को विकास के क्षेत्र में मॉडल के रूप में विकसित करने की बात कही. साथ ही सभी जनप्रतिनिधियों से एकजुटता से अपनी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन करने को कहा. ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष सुभाष रावत ने आपदा प्रभावित ऊखीमठ ब्लॉक को सीमांत बजट दिलाने की मांग की. साथ ही ठोस अपशिष्ट, कूड़ा प्रबंधन और जलागम फेज-दो में छूटी ग्राम पंचायतों को शामिल करने का अनुरोध जिला प्रशासन से किया.