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बदरी केदार मंदिर समिति पर लगा तबादला एक्ट के उल्लंघन का आरोप, हमलावर हुई कांग्रेस - violating the Transfer Act

कांग्रेस ने बदरी केदार मंदिर समिति पर तबादला एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि मध्य यात्राकाल में बदरी केदार मंदिर समिति ने 70 कर्मियों का स्थानान्तरण कर डाला. जिसमें 17 कार्मिकों के नियम विरुद्ध प्रमोशन किये गये हैं.

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Published : Sep 28, 2022, 3:58 PM IST

रुद्रप्रयाग: प्रदेश में बैकडोर विधानसभा भर्ती घोटाले को लेकर बेरोजगार नौजवान सड़कों में हैं. इसके बावजूद बदरी-केदार मंदिर समिति ने एक नया कारनामा (Badri Kedar Temple Committee new exploit) कर दिखाया है. मंदिर समिति ने मध्य यात्राकाल में 70 कार्मिकों का तबादला ( Temple committee transferred 70 workers)कर दिया. जबकि शहरी विकास विभाग में हाल ही में हुए 72 तबादलों पर सीएम धामी ने संज्ञान लेते हुए तत्काल रोक लगा दी थी. बावजूद इसके मंदिर समिति ने तबादला एक्ट का उल्लंघन (Temple committee violated transfer act) करते हुए मुख्यमंत्री को ही बाईपास कर दिया है.

प्रदेश में विधानसभा में बैकडोर से भर्ती के मामलों के साथ ही शहरी विकास मंत्रालय में तबादला एक्ट के विरुद्ध हुए स्थानान्तरणों पर शोर मचा हुआ है. वहीं इसकी परवाह नहीं करते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष के अनुमोदन पर तबादला एक्ट को धता बताते हुए सीईओ ने चारधाम यात्रा के मध्य में ही मंदिर समिति में तबादलों की सूची जारी कर दी है. अभी मंदिर समिति में चल रहे व्याप्त भ्रष्टाचार व भाई-भतीजावाद की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि कांग्रेस ने एक बार फिर से मंदिर समिति पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने मंदिर समिति में हुए तबादलों को राज्य सरकार के तबादला एक्ट के विपरीत कार्यप्रणाली करार दिया है.
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने आरोप लगाया कि मंदिर समिति के अध्यक्ष के अनुमोदन पर 22 सितम्बर 2022 को तबादला एक्ट का उल्लंघन कर 70 कार्मिकों का स्थानान्तरण का आदेश जारी किया गया है. उन्होंने कहा विगत माह मंदिर समिति में 17 कार्मिकों के नियम विरुद्ध प्रमोशन हुए थे. उनमें से पदोन्नति समिति में चार कार्मिक ऐसे बैठे थे, जिनके द्वारा अपनी पदोन्नति की संस्तुति स्वयं की गई.

तबादला सूची

इसमें उप मुख्य कार्याधिकारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी प्रमुख रूप से शामिल थे. ये पदोन्नतियां शासन द्वारा प्रचलित नियमों के विरुद्ध की गई हैं. नेगी ने कहा सरकार ऐसे पदोन्नतियों पर रोक लगाए, जिसमें प्रोन्नति समिति में खुद की प्रोन्नति करने वाले कार्मिक सदस्य के रूप में सम्मिलित रहे.
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वहीं, बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि मंदिर समिति में कार्मिकों के पटल बदले गये हैं. तबादला एक्ट के तहत ही तबादले किये गये हैं. कतिपय कर्मचारी लम्बे समय से एक जगह पर थे. बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है. यात्रा पर इन तबादलों से कोई फर्क नहीं पड़ा है.

उन्होंने कहा तबादलों में एक्ट का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. सभी कार्मिकों को उनकी योग्यता के अनुसार नये पटल पर स्थानान्तरित किया गया है. साथ ही उन्होंने यह कहा कि बोर्ड बैठक में समिति के अध्यक्ष के अनुमोदन के उपरांत तबादला सूची जारी की गई थी, जिसको मेरे हस्ताक्षर से जारी कर दिया गया है.

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