रुद्रप्रयाग:केदारनाथ धाम की यात्रा में घोड़ा-खच्चर अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन इन मवेशियों पर जमकर अत्याचार हो रहा है. हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों में इनसे काम लेकर शोषण किया जा रहा है. इनकी पीठ पर पुनर्निर्माण कार्य की सामग्रियों को ढोया जा रहा है. धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालु भी इन्हीं मवेशियों का सहारा लेकर धाम पहुंच रहे हैं, लेकिन इनकी देखभाल को लेकर हाॅकर व स्वामी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के शरीर पर गहरे-गहरे जख्म इनकी बेबसी को बयां कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को मुस्तैदी के साथ इन संचालकों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.
प्रधान संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष कार्रवाई की उठाई मांग:प्रधान संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष शांति चमोली ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग से लेकर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे घोड़ा-खच्चरों के साथ संचालकों का सही व्यवहार नहीं है. मवेशियों के शरीर पर गहरे-गहरे जख्म होने के बावजूद भी इनसे सामान ढोया जा रहा है, जबकि पैदल मार्ग पर यात्री भी इन पर बैठकर यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बेजुबान पशुओं पर बैठकर यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को भी इनकी पीड़ा समझनी होगी. ऐसे में इन मवेशियों की जान को खतरा बना हुआ है. उन्होंने डीएम से मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठाई है.
बीमार अवस्था में मिले 3,730 मवेशी:केदारनाथ यात्रा मार्ग में अब तक घायल व बीमार अवस्था में 3,730 पशु मिले हैं, जिनका उपचार किया गया है, जबकि 15,651 घोड़े-खच्चरों का निरीक्षण किया गया है. यात्रा के लिए 469 घोड़े-खच्चर अयोग्य पाए गए हैं. 215 घोड़े-खच्चर मालिकों एवं संचालकों का चालान किया गया है, जबकि 16 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है.