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रुद्रप्रयाग: सीएमओ के आश्वासन के बाद ANM कर्मियों ने आंदोलन किया खत्म

स्वास्थ्य विभाग की ओर से एनएचएम के पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से एएनएम की भर्ती की जा रही थी, जिसका विरोध पूर्व में उपनल के माध्यम से लगी एएनएम कार्यकत्री कर रही हैं. वर्तमान में कार्य कर रही एएनएम कार्यकत्रियों का कहना है कि आउटसोर्स से भर्ती किये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देगा, जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा.

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रुद्रप्रयाग

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Published : Nov 20, 2021, 5:14 PM IST

रुद्रप्रयाग: कोविड संकट के दौरान जान जोखिम में डालकर वैक्सीनेशन करने वाली एएनएम कर्मियों को हटाये जाने का उत्तराखंड क्रांति दल ने विरोध किया. जिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख हड़ताल पर बैठी एएनएम कर्मियों को समर्थन देने पहुंचे उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि वह इस लड़ाई में एएनएम कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. वहीं, एएनएम कर्मियों की सीएमओ से वार्ता के बाद हड़ताल समाप्त हो गई है.

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से एनएचएम के पदों पर आउटसोर्स के माध्यम से एएनएम की भर्ती की जा रही थी, जिसका विरोध पूर्व में उपनल के माध्यम से लगी एएनएम कार्यकत्री कर रही हैं. वर्तमान में कार्य कर रही एएनएम कार्यकत्रियों का कहना है कि आउटसोर्स से भर्ती किये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग उन्हें बाहर का रास्ता दिखा देगा, जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जायेगा.

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ऐसे में विगत 14 नवंबर से एएनएम कार्यकत्री डीएम कार्यालय में धरने पर बैठी थीं. इनके आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे उक्रांद के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से नए एएनएम की भर्ती की जा रही है, जबकि पूर्व में तैनात कर्मियों को सेवा से हटाया जा रहा है. कोविड काल में दिन-रात जान जोखिम में डालकर सुदूरवर्ती गांवों में कार्य करने के सात माह गुजर जाने के बाद उन्हें वेतन नहीं दिया गया. जबकि, अब बिना विज्ञप्ति प्रकाशित किए आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से नई एएनएम की भर्ती की जा रही है.

एएनएम कार्यकत्रियों ने कहा कि आउट सोर्स के माध्यम से की जा रही नई भर्ती पर रोक लगाये जाने और पूर्व में तैनात उपनल कर्मियों को यथावत रखे जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें सात माह से मानदेय नहीं दिया गया है, जबकि तीन हजार की प्रोत्साहन राशि और एक सौ रुपये हर रोज खाने के भी नहीं दिये गये. कुछ एएनएम को महज तीन माह का मानदेय जरूर दिया गया है, लेकिन अधिकांश को वेतन नहीं दिया गया है, जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया है.

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वहीं, सीएमओ विंदेश शुक्ला ने एएनएम कार्यकत्रियों से फोन पर वार्ता की और उन्हें आश्वासन दिया कि एनएचएम के पदों पर भर्ती नहीं निकाली जायेगी और जो कार्यकत्री कार्य कर रही हैं, उन्हें यथावत रखा जायेगा. एएनएम कत्रियों ने कहा कि अगर पुनः एनएचएम में भर्ती निकाली गई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगी. इसके बाद एएनएम कार्यकत्री अपने कार्यों पर वापस लौट गईं.

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