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यहां सावन के सोमवार पर भोले का जलाभिषेक करने खुद चली आईं अलकनंदा, ये है मान्यता

उत्तराखंड में पहाड़ों पर हो रही बारिश के बाद नदियां विकराल हो गई हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. अलकनंदा का पानी नदी के तट पर बने कोटेश्वर महादेव मंदिर के अंदर तक घुस गया है. इस कारण आज 24 जुलाई सावन के दूसरे सोमवार को भक्त गुफा में जाकर कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक नहीं कर पाए.

Alaknanda rive
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Published : Jul 24, 2023, 4:38 PM IST

Updated : Jul 24, 2023, 4:53 PM IST

रुद्रप्रयाग:पहाड़ों पर सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ रही है. हालांकि भारी बारिश के कारण भक्तों की थोड़ी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. बाबा केदार के दर भी भक्तों को अंबार लगा हुआ है. वहीं, रुद्रप्रयाग से मात्र तीन किमी की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव मंदिर (गुफा) तक अलकनंदा नदी का पानी आ गया है. माना जाता है कि हर सावन के महीने मां अलकनंदा भी भगवान कोटेश्वर का जलाभिषेक करती हैं, जिससे गुफा तक पानी आ जाता है.

कोटेश्वर महादेव मंदिर रुद्रप्रयाग.

वहीं बारिश, भूस्खलन सहित तमाम बाधाओं को पार करके भक्त बड़ी संख्या में बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंच रहे हैं. पिछले दिनों केदारनाथ दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या में अत्यधिक कमी आ गई थी, लेकिन सोमवार आते ही धाम में फिर से भक्तों की संख्या बढ़ गई है. दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगी हुई है.

केदारनाथ धाम.
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केदारनाथ में भक्तों का जमावड़ा: पहाड़ों में सावन के दूसरे सोमवार पर केदारनाथ धाम में भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है. पिछले दिनों सुनसान नजर आ रहे केदार धाम में आज फिर से भक्तों की भीड़ बढ़ गई है. सावन सोमवार के अवसर पर बाबा केदार का जलाभिषेक करने के लिये बड़ी संख्या में भक्त धाम पहुंचे हैं.

एक हजार से ज्यादा भक्त गए धाम: आज 24 जुलाई सुबह सोनप्रयाग से एक हजार के आस-पास भक्त केदारनाथ धाम भेजे गए. पहाड़ों में लगातार बारिश हो रही है. बारिश के बाद भूस्खलन होने से केदारनाथ हाईवे भी जगह-जगह बाधित हो रहा है. बावजूद इसके बड़ी संख्या में भक्त तमाम बाधाओं को पार करते हुये केदारनगरी पहुंच रहे हैं.
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वहीं, दूसरी ओर सावन के दूसरे सोमवार पर कोटेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. यहां गुफा के जलमग्न हो जाने के बाद भक्तों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ा. माना जाता है कि हर सावन माह में मां अलकनंदा भी भगवान कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक करती हैं, जिस कारण गुफा तक अलनकंदा नदी का पानी भर जाता है.

भारी बारिश के बाद अलकनंदा का जल स्तर बढ़ा.

भगवान शंकर ने की थी कोटेश्वर महादेव में तपस्या:यहां पर कण कण में भगवान शंकर का निवास है और अनेकों शिवलिंग गुफा में बने हैं. मान्यता है कि भगवान शंकर ने केदारनाथ धाम जाने से पहले यहां पर कुछ समय तक तपस्या की थी. पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण कोटेश्वर गुफा तक पानी आ गया है. यहां पर भक्तों की सुरक्षा को लेकर एसडीआरएफ और पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.

Last Updated : Jul 24, 2023, 4:53 PM IST

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