रुद्रप्रयाग:केदारनाथ आपदा के साढ़े सात साल गुजर जाने के बाद अकलनंदा-मंदाकिनी के पावन संगम स्थल पर सौन्दर्यीकरण का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. शासन स्तर से स्वीकृत एक करोड़ दो लाख की धनराशि में संगम स्थल को भव्य स्वरूप दिया जाएगा. इसके निर्माण से जहां स्थानीय लोगों केे साथ ही पर्यटकों को हो रही समस्याएं दूर होंगी. वहीं, पर्यटन व तीर्थाटन को भी बढ़ावा मिलेगा. निर्माणदायी संस्था ने समस्त औपचारितकताएं पूर्ण कर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करवाई है.
बता दें कि जून 2013 की प्रलयकारी केदारनाथ आपदा ने संगम स्थल को तबाह कर दिया था, जिसके बाद इस स्थल का नक्शा ही बदल गया. संगम स्थल पर स्थित 15 फीट ऊंची प्राचीन नारदशिला भी केदारनाथ आपदा की भेंट चढ़ गई थी. इसके इलावा चामुंडा मंदिर की सुरक्षा दीवारों को भी नुकसान पहुंचा था, जिससे स्थानीय लोगों को गंगा आरती के साथ ही पर्यटकों को संगम स्थल पर स्नान समेत अन्य कार्यों को करने में दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं.
साल 2019 में तत्कालीन डीएम मंगेश घिल्डियाल के निर्देश पर सिंचाई विभाग रुद्रप्रयाग ने 82 लाख का ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेजा था, मगर इस दौरान इसको कोई स्वीकृति नहीं मिल सकी थी. जिसके बाद 2021 में फिर से सिंचाई विभाग ने इसके लिए रिवाइज प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा. अब जाकर गत नवम्बर माह में संगम स्थली के सौन्दर्यीकरण को लेकर शासन स्तर से 1 करोड़ 2 लाख के बजट की स्वीकृति मिली है. योजना के तहत यहां पर नदी से बिम के माध्यम से 32 मीटर लंबा एवं 8 मीटर चौड़ा गंगा आरती मंच का निर्माण, रेंलिंग का निर्माण, ट्रायल का निर्माण, चामुंडा मंदिर के आंगन का सौन्दर्यीकरण समेत कई निर्माण कार्य किए जाएंगे..
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