रुद्रप्रयाग:करोड़ों की लागत से अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी के किनारे बनाए गए घाटों का इन दिनों कोई अता-पता नहीं चल रहा है. नदी का जल स्तर बढ़ने से घाटों तक पानी भर गया है.कई घाटों पर मलबा जमा हो गया है.
केदारनाथ यात्रा पर आने वाले यात्रियों को अब नहीं दिखेंगे घाट. घाटों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइट एवं शौचालयों के दरवाजे भी पानी के तेज बहाव में बह गए हैं. लोगों का कहना है कि घाटों का निर्माण कार्य सही तरीके से न होने के कारण ऐसी स्थिति हुई है.
नमामि गंगे योजना के तहत ये घाट यात्रियों को आकर्षित करने और बैठने के लिए ये घाट बनाए गए थे. बरसाती सीजन में ये घाट कचरे का ढेर बने हुए हैं. घाटों का कुछ हिस्सा नदी में डूब गया है, वहीं बचे हिस्से में सिर्फ और सिर्फ मलबा है.
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अभी दो माह की यात्रा शेष है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को घाटों के दर्शन के बजाय मलबा ही दिखाई देगा.सोचने वाली बात यह है कि नमामि गंगे योजना के तहत पिछले साल ही रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी के तटों पर इन घाटों का निर्माण किया गया था.
इन दिनों अलकनंदा नदी अपने स्तर से 15 से 20 फीट ऊपर बह रही है. घाटों पर दस फीट तक सिर्फ मलबा भरा है. घाट किनारे स्थित चबूतरे पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. घाट किनारे स्थित स्ट्रीट लाइटें भी खराब हो गईं हैं. अलकनंदा अभी भी उफान पर है.
नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी संजय रावत ने कहा कि अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से नगरपालिका को भारी नुकसान हुआ है.