उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

बाबा केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद यात्रा पड़ावों में छाई वीरानी

केदारनाथ (Kedarnath Dham) के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद होते ही यात्रा पड़ाव स्थलों पर वीरानी छा गई है. केदारधाम होटल एसोसिएशन (Kedardham Hotel Association) के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद लंबे समय से शीतकाल में भी पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की जा रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Nov 2, 2022, 7:07 AM IST

रुद्रप्रयाग: विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ (Kedarnath Dham) के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद होते ही यात्रा पड़ाव स्थलों पर वीरानी छा गई है. स्थानीय व्यापार संघ ने शासन-प्रशासन से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही यहां मठ-मंदिरों व झीलों को विकसित करने की मांग की है. ताकि यात्रा पड़ावों पर 12 महीनों रौनक बनी रह सके. गत 27 अक्टूबर को भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के छह माह के लिए बंद हो गए थे जिसके बाद शनिवार को भोले बाबा अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गए थे.

गौर हो कि कपाट बंद (Kedarnath Dham door closed) होते ही यात्रा पड़ावों की रौनक फीकी हो गई. यात्रा पड़ाव स्थल गुप्तकाशी, फाटा, रामपुर, सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड वीरान नजर आ रहे हैं. व्यापरियों ने आपने होटल व लॉज भी शीतकाल में बंद कर दिए हैं. क्षेत्र में शीतकाल में भी पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. केदारघाटी में नागताल झील, मुनकटिया गणेश मंदिर, मां नान्तोली देवी मंदिर, मां माहिष मर्दनी मन्दिर, जमेश्वर शिवालय सहित मोरू बुग्याल एवं कई अन्य बुग्याल स्थित हैं, जिन्हें वर्षभर पर्यटन के लिए विकसित किया जा सकता है. ताकि यहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहे. इससे जहां शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय व्यापारियों को रोजगार भी मिलेगा.
पढ़ें-देव संस्कृति विवि का 6वां दीक्षांत समारोह, लोकसभा स्पीकर ने छात्रों को दिया गोल्ड मेडल

केदारधाम होटल एसोसिएशन (Kedardham Hotel Association) के सचिव नितिन जमलोकी ने कहा कि बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद लंबे समय से शीतकाल में भी पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग की जा रही है. लेकिन पर्यटन विभाग (Uttarakhand Tourism Department) की ओर से यहां स्थित मंदिर एवं झीलों को विकसित नहीं किया जा सका है. होटल व्यवसायी प्रमोद नौटियाल ने कहा कि इन अनछुए स्थलों को विकसित किया जाए, तो पर्यटक केदारघाटी में प्रकृति की सुंदरता के साथ ही यहां छिपे झीलों एवं बुग्यालों का भी दीदार कर सकेंगे. ताकि केदारघाटी में 12 महीनों रौनक बनी रह सके. उन्होंने शासन-प्रशासन एवं पर्यटन विभाग से उचित कार्रवाई करने की मांग की है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details