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बारिश और भूस्खलन की मार, केदारघाटी के 50 गांव मुख्यधारा से कटे

बारिश और भूस्खलन ने केदारघाटी में कहर बरपा रखा है. सड़कें और रास्ते टूट गए हैं. इलाके के 50 से ज्यादा गांवों का जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से संपर्क टूट गया है. कालीमठ और मनसूना इलाके में लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं. कई जगह लोग जान जोखिम में डालकर नदी-नाले पार कर रहे हैं.

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Published : Aug 14, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Aug 14, 2020, 4:00 PM IST

रुद्रप्रयाग:केदारघाटी में आफत की बारिश जारी है. लगातार हो रही बारिश से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. ग्रामीणों की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो गई है. जगह-जगह सड़कें और पैदल मार्ग बंद होने से ग्रामीण रोजमर्रा की सामग्री किसी तरह से पीठ में ढोने को मजबूर हैं. पेयजल लाइनें भी ध्वस्त हो गई हैं. जल संस्थान को अब तक आपदा से 80 लाख का नुकसान हो चुका है.

बारिश और भूस्खलन की मार.

रुद्रप्रयाग जनपद की आपदा पीड़ित केदारघाटी में बारिश कई प्रकार की मुसीबतें लेकर बरस रही है. केदारघाटी के कालीमठ और मनसूना क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है. कालीमठ क्षेत्र को जोड़ने वाला गुप्तकाशी- कालीमठ मोटरमार्ग एक सप्ताह और मनसूना क्षेत्र को जोड़ने वाला ऊखीमठ-रांसी मोटरमार्ग दो दिनों से बंद है. हजारों की आबादी घरों में ही कैद है. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजमर्रा की सामग्री भी नहीं पहुंच पा रही है. जो लोग आवाजाही कर भी रहे हैं, उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों से होकर गुजरना पड़ा रहा है.

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मौसम विभाग ने अभी भी दो दिन तक और बारिश होने की संभावना जताई है. जगह-जगह हो रही बारिश से पहाड़ दरक रहे हैं. पेयजल लाइनें भी ध्वस्त हो गई हैं. जिले में जल संस्थान को आपदा से करीब 80 लाख रुपए का नुकसान हो चुका है.

Last Updated : Aug 14, 2020, 4:00 PM IST

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