उत्तराखंड

uttarakhand

By

Published : Oct 28, 2020, 9:36 PM IST

ETV Bharat / state

रिंगाल के सहारे आत्मनिर्भर बन रहे पहाड़ के युवा, पारंपरिक कामों में दिखा रहे रुचि

आत्मनिर्भर बनने के लिए युवा पारम्परिक कार्यों को करने में ज्यादा रुची दिखा रहे है. इससे वे अपनी संस्कृति में तो जान डाल ही रहे है साथ ही उन्हें उसे नया स्वरूप भी दे रहे हैं.

berinag
रिंगाल के बने उत्पादक

बेरीनाग: कोरोना और लॉकडाउन के कारण व्यापारियों का कारोबार चौपट हो गया था. जिसका असर सीधे-सीधे लोगों की नौकरियों पर पड़ा था. इसके बाद कई प्रवासी युवा बेरोजगार होकर अपने गांव लौट आए थे, लेकिन उनके सामने यहां भी सबसे बड़ी समस्या रोजगार की थी. ऐसे में कुछ युवाओं ने स्वरोजगार रास्ता चुना. जिससे आज वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

प्रवासियों को स्वरोजगार के लिए सरकार बिना ब्याज के ऋण दे रही है. इसके साथ ही कई योजनाएं भी चला रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा आत्मनिर्भर बन सके. विकास खंड बेरीनाग के दूरस्थ क्षेत्र कराला महर गांव में पांच महीने पहले लॉकडाउन के कारण घर लौटे युवा अपने परम्पारिक कार्यों में जुट गये है. युवाओं ने गांव में रिगांल से कई घेरलू उपयोगी सामाग्री बना दी है.

पढ़ें-दिवाली से पहले घटतौली के खिलाफ एक्शन, 42 दुकानदारों पर भारी जुर्माना

कराला महर गांव के दिनेश कुमार ने बताया कि नौकरी जाने के बाद गांव लौटे युवा उन परम्पारिक कामों में रुचि दिखा रहे हैं, जो कभी हमारे पूर्वज करते थे. आत्मनिर्भर बनने के लिए युवा रिंगाल से टोकरी, डलिया, डोका और गुलदस्ता समेत कई चीजें बना रहे हैं. जिससे उनकी घर बैठे ही हजारों रुपए की आमदनी हो रही है.

बेरीनाग की ब्लॉक प्रमुख विनीता बाफिला भी पिछले दिनों कराला महर गांव गई थी, जहां उन्होंने युवाओं के काम को देखा. इस दौरान उन्होंने स्थानीय स्तर युवाओं को प्रशिक्षण देने का साथ बाजार उपलब्ध कराने के लिए सरकार से मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details