बेरीनागः पारा चढ़ते ही प्रदेश में पेयजल संकट गहराने लगा है. इन दिनों बेरीनाग के कई इलाकों में लोग बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं. यहां पर दो दशक पहले बनी एक मात्र गोरघटिया पेयजल योजना सफेद हाथी साबित हो रही है. जिससे लोग टैंकरों के जरिए अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं, लेकिन ये टैंकर भी पूरी तरह से पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों ने पानी की व्यवस्था सुचारू नहीं करने पर जल संस्थान के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
बता दें कि बेरीनाग में दो दशक पहले गोरघटिया पेयजल योजना की स्थापना की गई थी, लेकिन नगर में आबादी बढ़ने से पानी की काफी कमी हो गई. आलम ये है कि लोगों को हफ्ते में एक दिन ही पानी नसीब हो रहा है. आमतौर पर बेरीनाग क्षेत्र में सालभर पानी की किल्लत रहती है, लेकिन गर्मियों में ये समस्या काफी बढ़ जाती है. इनदिनों नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का संकट बना हुआ है. इनमें चैकोड़ी, उडियारी, कांडे किरोली, देवीनगर, त्रिपुरादेवी, भट्टीगांव, राईआगर समेत तीन दर्जन से ज्यादा गांवों के लोग पेयजल की कमी से जूझ रहे हैं.
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