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पहाड़ का दर्द: कंधों के सहारे जिंदगी, आठ किमी पैदल चलकर गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल - पिथौरागढ़ न्यूज

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों से आई ये तस्वीर सरकार को आईना दिखाने के लिए काफी है. इस तस्वीरों के देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, वहां जीवन कितना मुश्किल है.

पहाड़ का दर्द
पहाड़ का दर्द

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Published : Jul 29, 2020, 10:02 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 10:56 PM IST

पिथौरागढ़: इन दिनों उत्तराखंड कुदरत की मार झेल रहा है. पहाड़ी जिलों में आसमान से आफत बरस रही है. सबसे ज्यादा बुरा हाल पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी तहसील का है. भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई गांवों का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है. ऐसे में यहां बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने का एक सहारा डोली ही है.

कंधों के सहारे जिंदगी.

भारी बारिश के बाद पहाड़ों में लोगों को किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है इसकी एक तस्वीर सामने आई है चौना गांव से. यहां बुधवार सुबह एक महिला को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन रास्ते बंद होने के कारण सड़क मार्ग से महिला को अस्पताल नहीं ले जा सकता था. ऐसे में लोगों ने महिला को डोली में बैठकर करीब आठ किमी का पैदल सफर तय किया और उसे मदकोट अस्पताल पहुंचाया.

पढ़ें-पिथौरागढ़: बारिश से दरक रही पहाड़ी, खौफ में जिंदगानी

ग्रामीणों ने बताया कि मुनस्यारी तहसील से चौना गांव को जोड़ने वाला हरकोट-चौना मोटरमार्ग और मदकोट-चौना मोटर मार्ग भूस्खलन के कारण बंद पड़ा हुआ है. जब वे गर्भवती महिला को हॉस्पिटल के लिए लेकर तो उस समय काफी बारिश हो रही थी. डोली के ऊपर त्रिपाल लगाकर महिला को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया. मुनस्यारी जाने के सभी रास्ते बंद पड़े हुए है, मजबूरी में उन्होंने महिला को मदकोट अस्पताल में भर्ती कराया, जहां स्वास्थ्य सुविधा राम भरोसे है.

ऐसे ही कुछ हाल माणी टुंडी गांव का भी है. यहां भी ग्रामीण बीमार बुजुर्ग महिला को डोली के सहारे 10 किलोमीटर दूर मदकोट अस्पताल लेकर आए है. ग्रामीणों ने बताया कि माणी टुंडी गांव को जोड़ने वाला मदकोट दारमा मार्ग करीब पिछले एक महीने से बंद पड़ा है.

Last Updated : Jul 29, 2020, 10:56 PM IST

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