बेरीनाग:तहसील मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित चचरेत ग्राम पंचायत के कलेत गांव में बीती रात 4 साल की बच्ची पर गुलदार ने हमला कर दिया था और उसे घर से उठाकर जंगल की तरफ ले गया था. जिसके बाद काफी छानबीन करने पर बच्ची का शव बरामद हुआ और शुक्रवार को पोस्टमार्टम करके परिजनों को सौंपा गया, लेकिन ग्रामीणों ने शव लेने से इंकार कर दिया. साथ ही उन्होंने परिजनों को 20 लाख रुपये का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी, गुलदार को आदमखोर घोषित करने समेत गांव में 20 पिंजरा लगाने की मांग उठाई है.
ग्रामीणों ने शव उठाने से किया मना:ग्रामीणों ने एसडीएम अनिल कुमार और वन क्षेत्राधिकारी चंदा मेहरा का घेराव किया और मांगें पूरी न होने तक शव को उठाने से इंकार कर दिया. इस दौरान ग्रामीणों और प्रशासन के बीच जमकर बहस हुई. तीन घंटे तक ग्रामीणों ने शव नहीं उठाया. हालांकि एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला और वन क्षेत्राधिकारी चंदा मेहरा के समझाने के बाद ग्रामीण मानें और शव को उठाया.
प्रशासन से ग्रामीणों की मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग:पूर्व दर्जा राज्य मंत्री खजान गुड्डू और नगर पालिका अध्यक्ष हेम पंत ने प्रशासन से ग्रामीणों की मांगों को शीघ्र पूरा करने और ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने दो स्ट्रीट लाइटें प्रभावित परिवार के घर के पास लगाने की बात कही है. इसके अलावा एसडीएम ने गौशाला, शौचालय और पोलियो हाउस प्रभावित परिवार को देने के लिए बीडीओ को आदेश दिया है.
चार घंटे के बाद मिला था बच्ची का शव:बीते दिनगुलदार ने राखी को झपटा मारकर घायल कर दिया था और उसे उठाकर ले गया था. बारिश और कोहरा होने के कारण वन विभाग, पुलिस और ग्रामीणों को चार घंटे का समय लगा. घर से 200 मीटर दूरी पर गुलदार बच्ची को निवाला बना रहा था. शोर मचाने के बाद गुलदार शव को छोड़कर भागा, लेकिन तब तक शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुका था.