गणित के शिक्षक की मांग को लेकर अभिभावकों का प्रदर्शन बेरीनागः उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों के हाल बेहद खस्ता है. यही वजह है कि आज अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल की बजाय निजी स्कूलों में पढ़ाना बेहतर समझते हैं. सरकारी स्कूलों के हाल ऐसे हैं, जिसे बयां नहीं किया जा सकता है. कहीं स्कूल भवन जर्जर हैं तो कहीं शिक्षक ही नहीं है. ऐसा ही हाल बेरीनाग के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चौसाला का है. जहां गणित का शिक्षक ही नहीं है. ऐसे में शिक्षकों की तैनाती की मांग को लेकर अभिभावकों को धरना देना पड़ रहा है.
बेरीनाग में शिक्षक की मांग को लेकर प्रदर्शन अभिभावकों के मुताबिक, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चौसाला में बीते दो सालों से गणित का शिक्षक ही नहीं है. वर्तमान में 46 बच्चे बिना गणित के शिक्षक पढ़ाई करने को मजबूर हैं. जिससे उन्हें बच्चों का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है. उनका कहना है कि वो लंबे समय स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे में मजबूरन उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
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आज भी गणित के शिक्षक की मांग को लेकर अभिभावक क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र धानिक के नेतृत्व में तहसील मुख्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने खंड शिक्षा कार्यालय में शिक्षा विभाग और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. साथ ही शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. इस मौके पर कार्यालय में खंड शिक्षा अधिकारी के न होने पर अभिभावकों ने आक्रोश भी व्यक्त किया. साथ ही वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
अभिभावकों ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा ज्ञापन अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द स्कूल में शिक्षक की तैनाती नहीं की तो वो बच्चों की सामूहिक टीसी कटवाकर उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. बता दें कि इससे पहले भी स्कूली बच्चों और अभिभावकों ने चौसाला में शिक्षक की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था, लेकिन इसके बावजूद सरकार के कानों में जूं नहीं रेंगी. लिहाजा, उन्हें तहसील मुख्यालय आना पड़ा है.
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वहीं, शिक्षक अभिभावक संघ अध्यक्ष की अध्यक्ष ईश्वरी देवी, प्रेमा देवी, राधा देवी, मुन्नी देवी,नीमा, हंसा, छात्र संघ अध्यक्ष धीरज रौतेला, विजेंद्र सिंह, कमल कुमार, संतोष समेत अन्य लोगों ने जल्द से जल्द शिक्षक की तैनाती की मांग की. अभिभावकों का कहना है सरकारी स्कूलों में शिक्षक ही नहीं है. ऐसे में कैसे शिक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा? कोई भी अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहता है. यही वजह है कि आज सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो रहे हैं.