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पंचायत चुनाव से दूर रहेंगी नेपाल से आई बहुएं, निर्वाचन आयोग ने जारी किए नए निर्देश

उत्तराखंड के सीमांत जिलों में नेपाली मूल की बहुएं अब पंचायत चुनाव दे दूर रहेंगी, क्योंकि निवार्चन आयोग ने इस पर रोक लगा दी है. आयोग का कहना है कि बिना भारतीय नागरिकता लिए पंचायत चुनाव नहीं लड़ा जा सकता.

उत्तराखंड पंचायत इलेक्शन 2019

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Published : Sep 25, 2019, 1:26 PM IST

पिथौरागढ़: सूबे में इन दिनों पंचायत चुनाव का शोर है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद नेपाल से ब्याह कर उत्तराखंड में लाई गई बहुएं बिना भारतीय नागरिकता लिए पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. सीमांत क्षेत्र में कुछ ऐसे मामले सामने आने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के डीएम को इस बारे में स्पष्ट निर्देश दिए हैं. साथ ही बिना नागरिकता लिए वोटर लिस्ट में दर्ज ऐसे सभी नाम तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ जिले में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं. जहां नेपाल से शादी कर आई महिला ने अपने ससुराल पक्ष के गांव में पंचायत चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की. इनका नाम उत्तराखंड की पंचायत वोटर लिस्ट में भी शामिल है, लेकिन इनके पास विधिवत भारतीय नागरिकता नहीं थी.

राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही चुनाव लड़ने का अधिकार प्राप्त है. ऐसे में अगर कुछ नाम बिना विधिवत नागरिकता के वोटर लिस्ट में दर्ज हो गए हैं तो उन्हें वोटर लिस्ट से तत्काल हटा दिया जाए. इस तरह ऐसी महिलाएं अब न तो पंचायत चुनाव लड़ पाएंगी और न ही वोट दे सकेंगी.

जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे

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उत्तराखंड के तीन जिलों की करीब ढाई सौ किलोमीटर सीमा नेपाल से मिलती है. इसमें पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर के तमाम क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नेपाल से बहुएं आई हैं. देहरादून में भी सदियों से रह रहे गोर्खाली समुदाय के नेपाल से वैवाहिक रिश्ते एवं पारिवारिक रिश्ते हैं. व्यावहारिक तौर पर इसमें कभी कोई कठिनाई नहीं आती है. इसलिए ऐसी महिलाएं और उनके परिवार भारत की नागरिकता लेने को लेकर जागरूक नहीं हैं.

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