बेरीनागःसूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि प्रदेश के ज्यादातर सरकारी स्कूल छात्र विहीन हो चुके हैं. जहां पर छात्र संख्या ठीक भी है, तो वहां पर शिक्षक नहीं है. सबसे बुरे हाल तो दूरस्थ इलाके के स्कूलों के हैं, लेकिन गंगोलीहाट के राजकीय जूनियर हाईस्कूल बुज्याड़ में एक शिक्षक अपने निजी संसाधनों से स्कूल में कई सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं. जो अंधेरे में किसी रौशनी से कम नहीं है.
बता दें कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किए जाते हैं. इन स्कूलों में बदहाल शिक्षा व्यवस्था और संसाधनों के अभाव में अभिभावकों का मोह भंग हो रहा है. ऐसे में अभिभावक मजबूरन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे हैं. जिससे सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या कम होने से बंद होने की कगार पर है. इतना ही नहीं कई स्कूल तो बंद भी हो चुके हैं, लेकिन पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 110 किलोमीटर की दूरी पर गंगोलीहाट में स्थित राजकीय जूनियर हाईस्कूल बुज्याड़ में कार्यरत एक सहायक अध्यापक सुरेश सिंह डसीला अलग मिसाल पेश कर रहे हैं. जो शिक्षा विभाग पर लगने वाले तमाम आरोपों के मिथक को भी तोड़ रहे हैं.