बेरीनागःथल के पास नाचनी क्षेत्र में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान की पोल खुलती नजर आ रही है. नाचनी के राया बजेता गांव के तीन दर्जन से अधिक बच्चों का स्कूल जाने वाला पैदल मार्ग पिछले तीन माह से बंद चल रहा है. स्कूल 10 किमी दूरी पर होने के कारण चट्टानों के बीच से जान हथेली में रखकर जाना पड़ रहा है. राया, बजेता गांव तल्ला जोहार के अति दूरस्थ गांव हैं. इन गांवों के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 10 किमी सड़क स्वीकृत है. सड़क के निर्माण की गति इस कदर धीमी है कि आने वाले 10 सालों में भी सड़क बन पाएगी यह कह पाना कठिन है.
आज भी गांव के लोगों को खाद्यान्न सहित अन्य सामान के लिए 10 किमी का ढलान कर फिर 10 किमी की चढ़ाई चढ़कर ले जाना पड़ता है. ग्रामीण इसे अपनी नियति मान चुके हैं. सड़क स्वीकृति की खुशी सड़क बनाने वाले विभाग ने आफत में बदल दी है.विभाग ने सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ किया. आधी अधूरी सड़क काटी और ऊपर से ग्रामीणों के पैदल मार्ग को भी ध्वस्त कर दिया. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासन से लेकर विभाग तक की परंतु किसी भी अधिकारी ने विषम परिस्थितियों में जी रहे दो गांवों के 100 से अधिक परिवारों के दर्द को देखने तक की जहमत नहीं उठाई .