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Published : Oct 23, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Oct 23, 2021, 5:56 PM IST

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रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरा दिन: गुंजी से 41 लोगों का रेस्क्यू, महाराष्ट्र के पर्यटक का शव भी लाया गया

पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी में बीते दिनों भारी और बर्फबारी के कारण कुछ पर्यटक और स्थानीय लोग फंस गए थे. जिनको निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. शनिवार को भी सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से 41 लोगों का रेस्क्यू किया गया. महाराष्ट्र के एक पर्यटक के शव को भी आज चिनूक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ लाया गया है.

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पिथौरागढ़:उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी से आज (शनिवार) 41 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे गुंजी में फंसे लोगों को नैनी-सैनी एयरपोर्ट लाया गया. रेस्क्यू किए गये अधिकतर लोग देश के विभिन्न हिस्सों के सैलानी हैं. इनमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हैं. ये सभी लोग 16 अक्टूबर से गुंजी में फंसे हुए थे. तीन दिन के ऑपरेशन में अबतक कुल 120 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया है. जानकारी के अनुसार, दारमा घाटी में अभी भी 15 पर्यटक फंसे हुए हैं जबकि गुंजी से कुछ पर्यटकों को रेस्क्यू किया जाना है. पर्यटक यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से हैं.

ज्यादातर सैलानी ओम पर्वत और आदि कैलाश के दर्शन के लिए गए थे, लेकिन भारी बारिश और बर्फबारी के कारण गुंजी में ही फंस गए. पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से फंसे पर्यटक और स्थानीय लोगों का रेस्क्यू अभियान लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा. वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से आज इन 41 लोगों को पिथौरागढ़ लाया गया. पिथौरागढ़ पहुंचे पर्यटकों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी. सभी पर्यटकों ने वायुसेना के साथ ही पिथौरागढ़ प्रशासन और उत्तराखंड सरकार का भी शुक्रिया अदा किया.

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पर्यटकों ने कहा कि बारिश और बर्फबारी के बाद ऊंचाई वाले इलाकों में फंसने पर जिला प्रशासन ने उनकी हर संभव मदद की और उन्हें किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी. वहीं पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि अगले कुछ और दिनों तक ऊंचाई वाले इलाकों में फंसे लोगों को रेस्क्यू किए जाने का अभियान जारी रहेगा.

गुंजी में फंसे 42 लोगों का किया गया रेस्क्यू

आदि कैलाश गए सैलानी की मौतः महाराष्ट्र के एक पर्यटक के शव को भी आज चिनूक हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर पिथौरागढ़ लाया गया है. उनकी पहचान महाराष्ट्र निवासी गोविंद सिंह के रूप में हुई है. गोविंद सिंह आदि कैलाश के दर्शन करने गए यहां पहुंचे थे लेकिन ज्योलिंगकोंग में भारी बर्फबारी में दबने से उनकी मौत हो गई. मौसम साफ होने पर शव को खोजने के लिए प्रशासन की ओर से ज्योलिंगकोंग क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और शनिवार को शव पिथौरागढ़ लाया गया. मृतक का शव रविवार सुबह दिल्ली के लिए ले जाया जाएगा.

पहले दिन 49 लोगों का रेस्क्यूःऑपरेशन के पहले दिन दारमा घाटी के दांतू में फंसे 19 लोगों को धारचूला पहुंचाया गया था. धारचूला लाए गए लोगों में 15 टूरिस्ट थे. ये सभी सैलानी ओम पर्वत, पार्वती ताल और आदि कैलाश के दर्शनों के लिए गए थे. दारमा घाटी में भी भारी बारिश और बर्फबारी के कारण सभी रास्ते बंद हो चुके थे, जिस कारण ये सभी 17 अक्टूबर से दांतू में फंसे थे. वहीं, सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर गुंजी में फंसे 30 लोगों को भी गुरुवार को रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू किए गए लोगों में 15 सैलानी देश के विभिन्न राज्यों के हैं. इन सभी को सुरक्षित नैनी-सैनी एयरपोर्ट पहुंचाया गया.

दूसरे दिन 23 लोगों का रेस्क्यू:दारमा घाटी में दूसरे दिन सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन में एक गर्भवती महिला के साथ 23 लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया. रेस्क्यू किए गए लोगों में दो स्थानीय हैं, जबकि 21 सैलानी हैं. यूपी, बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों के सैलानी पंचाचूली देखने गए थे, लेकिन भारी बारिश और बर्फबारी के कारण घाटी में ही फंस गए थे.

धारचूला से गर्भवती महिला अंजू देवी को हवाई सेवा के जरिये जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ लाया गया. वहीं सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से दारमा घाटी के लिए 10 कुंतल राशन भी भेजा गया है, जबकि दारमा घाटी में फंसे 21 पर्यटकों को हवाई सेवा से तहसील मुख्यालय पहुंचाया गया.

Last Updated : Oct 23, 2021, 5:56 PM IST

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