पिथौरागढ़:उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है. वहीं, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी के चलते दुर्लभ हिमालयी पशु-पक्षियों (rare Himalayan birds) ने निचले इलाकों का रुख करना शुरू कर दिया है. बर्फबारी के चलते ऊंचे इलाकों में पेयजल स्रोत जमने लगे हैं और वन्यजीवों का भोजन भी बर्फ में दब गया है. इस कारण अपना अस्तित्व बचाने के लिए दुर्लभ जीव और पक्षी निचले इलाकों में प्रवास के लिए आने लगे हैं.
बता दें कि, 12 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर पाए जाने वाले कस्तूरी मृग, स्नो लेपर्ड, हिमालयन थार, ब्लू शीप, सफेद भालू, बार्किंग डीयर के साथ ही राज्य पक्षी मोनाल, स्नो कॉक, सत्यर ट्रैगोपान, रेड फ्रोन्टेड रोजफिंच, पिंक ब्रोवेड रोजफिंच, बेर्डेड वल्चर इत्यादि हिमालयी पशु-पक्षी 4 हजार फीट नीचे घाटी वाले इलाकों में दिखाई देने लगे हैं. ये नजारा स्थानीय लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है.
आमतौर पर हिमालयी पशु-पक्षी दिसंबर माह में बर्फबारी के बाद निचले इलाकों का रुख करते हैं मगर इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हुई है. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में इस वक्त तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है. जिस कारण ये वन्यजीव ठंड और बर्फबारी से बचने के लिए घाटी के जंगलों में पहुंचने लगे हैं. दारमा घाटी के साथ ही खलियाटॉप, स्यूनी, मपांग क्षेत्र में भी दुर्लभ पशु-पक्षियों के झुंड दिखाई दे रहे हैं.