पिथौरागढ़:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर रहे. लेकिन पहले पीएम मोदी का यह दौरा दो दिवसीय था. लेकिन कुछ कारणों से उनका ये दौरा एक दिवसीय हो गया. पीएम मोदी ने पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अपने उत्तराखंड दौरे पर संशोधन करने का कारण भी बताया. उन्होंने ये भी बताया कि आखिरकार क्यों वो चंपावत के ऐतिहासिक अद्वैत (मायावती) आश्रम नहीं जा पाए. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका काली गंगा की धरती से गहरा नाता है.
गुरुवार सुबह लगभग 8:20 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड पहुंचे. अपने एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी अलग-अलग अंदाज में दिखे. पिथौरागढ़ पहुंचने के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें सफेद वस्त्र और पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया. आदि कैलाश के पर्वत के सामने बैठकर प्रधानमंत्री मोदी ने पूजा-अर्चना भी की. पार्वती मंदिर और पार्वती कुंड का आचमन लेकर पीएम मोदी ने भगवान जागेश्वर धाम के दर्शन किए और पूजा पाठ भी की.
पीएम मोदी ने बताया कैसे हुआ दो से एक दिवसीय दौरा:पीएम मोदी के इस दौर से पहले इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे पहले अतिथि होंगे जो स्वामी विवेकानंद के उस कमरे में रात्रि विश्राम करेंगे जो 122 साल से किसी भी व्यक्ति के लिए खुला नहीं है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन दो दिवसीय दौरे को लेकर तैयारी कर रहा था. लेकिन अचानक पीएम का यह दौरा एक दिन का हो गया. हालांकि, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में उनका एक दिवसीय दौरा होने का कारण भी बताया.
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चंपावत न जाने का बताया ये कारण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की जनसभा को संबोधित करते हुए भारी मन से कहा कि पहले उनका दो दिवसीय उत्तराखंड दौरा था. वह चाहते थे कि वे चंपावत के लोहाघाट के नजदीक अद्वैत आश्रम मायावती में रात्रि विश्राम करें. लेकिन दिल्ली में 13 अक्टूबर को होने जा रही जी20 की महत्वपूर्ण बैठक के कारण उन्हें अपना दौरा एक दिवसीय कम करना पड़ा. हालांकि, अपना संबोधन खत्म करने से पहले पीएम मोदी ने उत्तराखंड की जनता से वादा किया कि वह इस पवित्र भूमि पर जल्द ही दोबारा आएंगे.
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