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पिथौरागढ़ के इस गांव में आज तक नहीं पहुंची मूलभूत सुविधाएं, लोग कर रहे पलायन

पहाड़ी क्षेत्रों में बसे कई ऐसे गांव हैं जो आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. इसी तरह कनालीछीना तहसील के थली गांव में सरकार आज तक सड़क नहीं पहुंचा पाई है.

पिथौरागढ़

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Published : Oct 1, 2019, 1:00 PM IST

पिथौरागढ़:कनालीछीना तहसील का थली गांव आजादी के 7 दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है. सुविधाओं के अभाव में थली गांव के लोग पलायन कर चुके हैं. 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बैंकिंग सुविधाओं का टोटा बना हुआ है. शहर जाने के लिए ग्रामीणों को 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है.

अपनी जड़ों से लगाव रखने वाले कुछ बुजुर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ही गांव में शेष रह गए हैं. थली गांव में सड़क तो क्या, चलने के लिए उचित पैदल रास्ते तक नहीं हैं. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पास एक अदद शौचालय तक मौजूद नहीं है.

थली गांव आजादी के 70 साल बाद भी नहीं सड़क ,

गांवों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है. लेकिन अंतिम छोर पर बसे व्यक्ति को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पलायन का दंश झेल रहे इस सीमांत गांव के लोगों को जंगली जानवरों से खतरा बना हुआ है.

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आलम यह है कि थली गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाए तो पहले उसे कंधे पर लादकर 5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. उसके बाद 20 किलोमीटर दूर कनालीछीना पहुंचाना पड़ता है. इस गांव के लोगों के लिए मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना बेहद ही मुश्किल काम है.

गांव मे रह रही महिलाओं का कहना है कि नेता चुनाव के दौरान तमाम तरह के आश्वसन देते हैं और चुनाव जीतने के बाद उनकी सुध लेने कोई नहीं आता है.

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