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Pithoragarh Charas Smuggling: दो नेपाली तस्करों को 10 साल की सजा, 7 किलो चरस के साथ पकड़े गए थे

पिथौरागढ़ में चरस तस्करी के मामले (Charas smuggling case in Pithoragarh) में दो नेपाली नागरिकों को सजा सुनाई गई है. दोनों नेपाली नागरिकों को कोर्ट ने 10-10 साल की सजा (two nepali citizens punished) सुनाई है. साथ ही दोनों पर अर्थदंड भी लगाया गया है.

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पिथौरागढ़ में चरस तस्करी मामले में कोर्ट का फैसला

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Published : Jan 12, 2023, 9:35 AM IST

पिथौरागढ़:सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में चरस तस्करी के मामले में कोर्ट ने सजा सुना दी है. चरस तस्करी के नेपाल के दो आरोपियों (two nepali citizens punished) को अब अपने जीवन के 10 साल (10 years imprisonment in charas smuggling case) जेल में काटने पड़ेंगे. साथ ही कोर्ट ने दोनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. विशेष सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह की कोर्ट ने आरोपियों को दोषी ठहराते हुए यह फैसला सुनाया है. जुर्माना न देने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

सात किलो से ज्यादा चरस के साथ पकड़े गए थे: शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत (Government Advocate Pramod Pant) ने बताया कि मामला सीमांत क्षेत्र धारचूला का है. यहां 29 जनवरी 2020 में पुलिस ने दो लोगों को सात किलो 680 ग्राम चरस के साथ पकड़ा था. पूछताछ के दौरान आरोपियों की पहचान नेपाल निवासी प्रेम सिंह ठकरे और पदम सिंह ठकरे के तौर पर हुई. पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए दोनों आरोपी चरस को नेपाल से लाकर भारत में बेचने का काम कर रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया.
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कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा: जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत ने मजबूती से पक्ष रखा. बुधवार को विशेष सत्र न्यायाधीश सहदेव सिंह की अदालत दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अभियुक्तों को दोषी करार किया. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दस-दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही दोनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री स्टेट बनाना चाहती है सरकार: उत्तराखंड सरकार ने भी राज्य में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के साथ ही 2025 तक राज्य को ड्रग्स फ्री स्टेट (Drugs Free State) बनाने का संकल्प लिया है. राज्य में नशे के खिलाफ व्यापक स्तर पर काम करने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti-Narcotics Task Force) का गठन किया गया है. राज्य, जिला और थाना स्तर पर गठित यह फोर्स नशे के कारोबार और इसमें संलिप्त तत्वों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करेगी.

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