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कंपकंपाती ठंड में बरामदे में सोने को मजबूर मरीज, जानें पिथौरागढ़ जिला अस्पताल का हाल

पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में बेड फुल होने के बाद मरीजों का बरामदे में बेड लगाकर इलाज किया जा रहा है. जिसकी वजह से ये मरीज कड़ाके की ठंड में बाहर सोने को मजबूर हैं.

Patients treated in verandah
बरामदे में सोने को मरीज मजबूर

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Published : Dec 17, 2021, 6:27 PM IST

Updated : Dec 17, 2021, 7:55 PM IST

पिथौरागढ़: हाड़ कंपा देने वाली सर्दी (chilling winter) में अगर आपको बरामदे में सोना पड़े तो इसकी कल्पना मात्र से ही रूह कांपने लगती है. लेकिन ये कल्पना नहीं बल्कि पिथौरागढ़ जिला अस्पताल (Pithoragarh District Hospital) में भर्ती मरीजों का सच में यही हाल है. अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण रोगियों को बरामदे में बेड लगाकर भर्ती किया जा रहा है.

अस्पताल में बढ़ते मरीजों की संख्या (patients number Increasing in hospital) से उन्हें बरामदे में न्यूनतम तीन डिग्री तापमान में रात काटनी पड़ रही है. मरीजों के लिए हीटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण वे ठिठुरते हुए रातें काटने को मजबूर हैं. कई रोगियों ने अपने पैसों से हीटर लगाए हैं, लेकिन कई रोगियों के पास हीटर नहीं हैं.

पहाड़ में पड़ रही कड़ाके की ठंड: वैसे तो इन दिनों समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लेकिन उत्तराखंड हिमालयी राज्य होने के कारण यहां ठंड का प्रकोप ज्यादा ही है. पिथौरागढ़ पहाड़ी जिला है. इसकी स्थिति सीधे हिमालय पर है, इस कारण यहां भयानक ठंड होती है. स्वास्थ्य विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. इन दिनों पिथौरागढ़ का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक गिर रहा है.

बरामदे में सोने को मरीज मजबूर

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बता दें कि पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में कुल 120 बेड हैं, जिनमें 30 बेड कोविड रोगियों के लिए रिजर्व रखे गए हैं. फिलहाल अस्पताल में कुल 90 मरीजों के लिए ही बेड की व्यवस्था है, लेकिन सर्दियों के मौसम में रोगियों की बढ़ती संख्या के कारण अतिरिक्त रोगियों को वार्ड के बाहर बेड लगाकर भर्ती किया जा रहा है.

सर्दी के मौसम में बरामदे में सोना रोगियों के लिए किसी यातना से कम नहीं है. मरीजों की हालत से जिला अस्पताल प्रबंधन भी पूरी तरह वाकिफ है, लेकिन इसका कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है. जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. केसी भट्ट का कहना है कि अस्पताल में रोगियों के लिए 90 बेड उपलब्ध हैं, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण उन्हें बरामदे में बेड लगाकर भर्ती किया जा रहा है. ताकि उन्हें इलाज दिया जा सके.

Last Updated : Dec 17, 2021, 7:55 PM IST

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