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बेरीनाग: सरकार से मदद की अपील, प्रवासियों की घर पहुंचाने की गुहार

कोरोना लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से घर पहुंचाने की अपील कर रहे हैं. प्रवासियों का कहना है कि इस कठिन समय में उनकी मदद की जाए.

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Published : May 14, 2020, 11:26 AM IST

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बेरीनाग:कोरोना लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदेश के हजारों लोग फंसे हुए हैं. कुछ लोग राहत केंद्रों में हैं तो कुछ अपने कमरों में बंद हैं. सरकार द्वारा लगातार रेल और बसों के माध्यम से लोगों को घर वापस लाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन जिस तरह से लोगों के द्वारा पंजीकरण किया जा रहा है वह सरकार के लिए एक चुनौती का काम बना हुआ है. राज्यों में फंसे लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से घर पहुंचाने की अपील कर रहे हैं.

प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभी तक 44 हजार लोग घरों में आ चुके हैं. इसमें अधिकांश वो लोग हैं जो अन्य राज्यों के राहत केंद्रों में थे और क्वारंटाइन किए गए थे. अभी भी कंपनियों, होटलों में कार्य करने वाले और विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोग फंसे हुए हैं. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, मुंबई सहित देहरादून में फंसे हुए लोग भी अपने घरों को नहीं पहुंच पा रहे हैं. पिछले 50 दिनों से देहरादून में फंसे बेरीनाग के लोगों ने बताया कि पंजीकरण करने के बाद लगातार वह लोग सीएम हेल्पलाइन से लेकर पुलिस हेल्पलाइन तक संपर्क कर रहे हैं लेकिन किसी के द्वारा मदद नहीं की जा रही है. उन्होंने सरकार से घर पहुंचाने की अपील की है.

वहीं पानीपत हरियाणा में फंसे हुए पुरानाथल के 12 लोग सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से घर पहुंचाने की गुहार लगा रहे हैं. पांखू, थल, गणाई, चैड़मन्या, पुरानाथल और कांडे किरोली आदि क्षेत्रों के सैकड़ों लोग जो बाहर फंसे हैं लगातार सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया कर्मियों को फोन करके घर पहुंचाने की अपील कर रहे हैं. प्रवासी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर मुख्यमंत्री, सांसद, कैबिनेट मंत्रियों तक गुहार लगा चुके हैं.

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जिस तरह से प्रतिदिन मैदानी क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में लोग घरों को वापस आ रहे हैं, प्रशासन के द्वारा उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन के आदेश दिए गए हैं. ग्रामीण स्तर पर एक मात्र प्राथमिक विद्यालय और पंचायत घर है जहां पर उन्हें क्वारंटाइन किया जाना है. इसके चलते जगह कम पड़ने लगी है.

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