पिथौरागढ़: एवरेस्ट फतह कर गृह जनपद लौटे मनीष कसनियाल का जोरदार स्वागत किया गया. मनीष के गृह जनपद लौटने पर विभिन्न संगठनों ने जिला पंचायत सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया. इस मौके पर मनीष ने एवरेस्ट फतह के दौरान अपने संस्मरण साझा किए. मनीष ने बताया कि विषम परिस्थितियों के बावजूद जब उन्होंने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया तो उनके जीवन का सबसे बड़ा सपना साकार हो गया.
एवरेस्ट फतह करने के बाद पिथौरागढ़ के मनीष कसनियाल गृह जनपद पिथौरागढ़ पहुंचने पर विभिन्न संगठनों ने सम्मानित किया. इस मौके पर मनीष के पिता सुरेश कसनियाल और माता ममता कसनियाल को भी सम्मानित किया गया. वहीं, कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि मनीष ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी फतह कर सीमांत जिले का नाम पूरी दुनिया में रोशन करने का काम किया है.
एवरेस्ट फतह करने के बाद गृह जनपद पहुंचे मनीष कसनियाल, हुआ जोरदार स्वागत - मनीष कसनियाल वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में नाम दर्ज कर चुके
मनीष कसनियाल एवरेस्ट फतह करने के बाद अपने गृह जनपद पिथौरागढ़ पहुंचे हैं.
मनीष कसनियाल का जोरदार स्वागत
पढ़ें-उत्तराखंड के मनीष ने एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा
बता दें कि पिथौरागढ़ के कासनी गांव के रहने वाले मनीष लंबे समय से आइस संस्था से जुड़े हुए हैं. वे पर्वतारोहण के क्षेत्र में पहले भी कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं. मनीष कसनियाल 2018 में वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया में भी अपना नाम दर्ज कर चुके हैं. इतना ही नहीं सबसे कम उम्र में नंदा लपाक पर्वत फतह करने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है.