रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने और मास्टर प्लान निरस्त करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन बैठ गए है. जबकि, पहले से भी एक तीर्थपुरोहित द्वारा अर्धनग्न अवस्था में धरना दिया जा रहा है. वहीं, तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जब तक सरकार ने तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों के हितों की अनदेखी करना बंद नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
दरअसल, केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ मास्टर प्लान के विरोध में सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार तीर्थ पुरोहितों को पूछे बगैर उनके भवनों के साथ छेड़छाड़ कर रही है. मास्टर प्लान के साथ ही देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहित पुरजोर विरोध कर रहे हैं. मास्टर प्लान के विरोध में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित क्रमिक अनशन पर उतर आये हैं. तीर्थ पुरोहित मंदिर प्रांगण में धरने पर बैठकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार ने उनको विश्वास में लिये बगैर देवस्थानम् बोर्ड और केदारनाथ मास्टर प्लान लागू किया है. केदारनाथ मास्टर प्लान के तहत तीर्थ पुरोहितों के घरों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है.
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वहीं, बीते कई दिनों से तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी केदारनाथ में धरना दे रहे हैं, जबकि कई बार उनके समर्थन में तीर्थ पुरोहितों द्वारा भी केदारनाथ मंदिर परिसर में धरना दिया गया. अब सभी तीर्थपुरोहितों ने देवस्थानम् बोर्ड भंग करने और मास्टर प्लान को निरस्त करने की मांग को लेकर क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. केदारनाथ धाम के वरिष्ठ तीर्थ पुराहित उमेश पोस्ती ने कहा कि सरकार की मंशा किसी भी रूप में पूरी नहीं होनी दी जायेगी. तीर्थ पुरोहितों कई सालों से धाम में रहकर यात्रियों की सेवा में लगे हैं, लेकिन सरकार अब तीर्थ पुरोहितों को ही यहां से बेदखल करना चाहती है.
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केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित सुमंत तिवाड़ी ने कहा कि यदि सरकार ने केदारनाथ मास्टर प्लान को वापस नहीं लिया तो तीर्थ पुरोहित कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. सरकार अब मनमानी पर उतर आई है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहितों को बिना विश्वास में लिए देवस्थानम् बोर्ड गठित किया गया. जबकि, बिना व्यवस्थाओं के यात्रा का संचालन किया जा रहा है, जिससे यहां पहुंच रहे श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतें हो रही हैं. कहा कि जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में व्यापक नुकसान हुआ था, जिसमें तीर्थ पुरोहितों के आवासीय व व्यापारिक प्रतिष्ठान भी सैलाब में बह गए थे. सरकार मास्टर प्लान के तहत धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के नाम पर उनकी संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए निशाना लगा रही है.