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यहां गंदा और बदबूदार पानी पी रहे ग्रामीण, चैन से सो रहे अफसर

जोग्यूड़ा थल गांव में तीन दशक पहले शुरू हुई पेयजल योजना से दूषित पानी सप्लाई हो रहा है. विभागीय लापरवाही के चलते एक हजार आबादी वाले थल गांव के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. पेयजल योजना के स्रोत में गंदगी होने से लोगों के घरों में बदबूदार पानी पहुंच रहा है. जिम्मेदार अधिकारी मामले में कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

जोग्यूड़ा थल के ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर.

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Published : Jun 16, 2019, 7:22 PM IST

बेरीनाग: विभागीय लापरवाही के चलते थल क्षेत्र के जोग्यूड़ा थल के ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. यहां पेयजल की आपूर्ति करने वाला स्रोत गंदगी से पटा हुआ है. जहां से पानी सप्लाई होकर लोगों के घरों तक पहुंच रहा है. गंदा पानी पीने से संक्रामक रोग फैलने की आशंका से ग्रामीण सहमे हुए हैं. उधर, जल संस्थान बेखबर बना हुआ है.

जोग्यूड़ा थल के ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर.


बता दें कि एक हजार आबादी वाले जोग्यूड़ा थल गांव के लिए बीते तीन दशक पहले इस पेयजल योजना की शुरुआत की गई थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते पेयजल योजना के स्रोत में कचरा पसरा हुआ है. आलम ये है कि स्रोत के आस-पास काफी गंदगी फैली हुई है. साथ ही काई जमी है. सफाई के बगैर ही पानी लोगों के घरों तक सप्लाई किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नलों से आ रहे पानी से बदबू आ रही है. मामले को लेकर वो कई बार जल संस्थान से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. वहीं, ग्रामीणों ने योजना में तैनात लाइनमैनों को हटाने की मांग की है.

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ग्रामीणों का कहना है कि एक ओर आम लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार तमाम दावे कर रही है. दूसरी ओर सरकारी महकमा लोगों को दूषित पानी पिला रहे हैं. उन्होंने कहा कि नल में कीड़े-मकौड़े तक आ रहे हैं. दूषित पानी पीने से लोगों को बीमारी का डर सता रहा है.


मामले पर जल संस्थान के अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार का कहना है कि थल क्षेत्र में घरों में दूषित पेयजल आपूर्ति की शिकायत मिली है. मौके पर विभाग के सहायक अभियंता और अवर अभियंता को भेजा गया है. साथ ही उनसे जांच की रिपोर्ट मांगी गई है. जल्द ही स्रोत की सफाई कराई जाएगी. जिससे लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके.

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