पिथौरागढ़:ड्रैगन की भारतीय सरजमीं पर नजरें गड़ाने की खबरों के बाद से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं. खासतौर पर लिपुलेख दर्रे से चीन को जोड़ने वाले सभी बॉर्डर पोस्ट में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी उच्च हिमालय क्षेत्रों में स्थित अंतिम चौकियों में भी सेना और आईटीबीपी के जवान सरहद की सुरक्षा में तैनात हैं. पूर्व में बर्फबारी के मौसम में अग्रिम चौकियों पर तैनात जवान निचली चौकियों में शिफ्ट हो जाते थे. मगर अब भारतीय जवान बर्फीले मौसम में भी चीन की चुनौतियों से लड़ने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं.
अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं जवान: चीन और नेपाल बॉर्डर पर स्थित सभी पोस्ट में सैन्य बल तैनात करने के साथ ही आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से भी जवानों को लैस किया गया है. सैन्य और अर्धसैन्य बलों के जवान युद्ध की परिस्थितियों से निपटने के लिए लगातार ट्रेनिंग ले रहे हैं. साथ ही बर्फीले मौसम की चुनौतियों का भी डटकर मुकाबला कर रहे हैं.
5 फीट बर्फबारी में पेट्रोलिंग: भारतीय सेना हमेशा से ही कठिन परिस्थितियों में भी दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए जानी जाती है. सेना और आईटीबीपी के जवानों ने अदम्य साहस और पराक्रम से भारत की सीमा को अभेद्य बना दिया है. खासतौर पर उन दिनों में जब उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के चलते पारा माइनस से भी नीचे लुढ़क जाता है, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों के जवान 5 फीट की बर्फबारी के बीच भी पेट्रोलिंग करने में जुटे हुए हैं.
लिपुलेख बॉर्डर पर महिला जवान भी तैनात: लिपुलेख बॉर्डर पर 10 हजार से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर आईटीबीपी के हिमवीर भारतीय सीमाओं की दिन-रात निगरानी में डटे हुए हैं. युद्ध के हालातों से निपटने के लिए यह जवान विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी कड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं. आईटीबीपी ने यहां पुरुष जवानों के साथ ही महिला जवानों को भी तैनात किया है. ये महिला जवान भी दुश्मन का डटकर मुकाबला करने को पूरी तरह तैयार हैं.