बेरीनाग:गंगोलीहाट विकासखंड के कमद गांव में बसंती देवी, पूरन सिंह, केसर सिंह ने बड़ी मेहनत और अरमानों से पहाड़ी शैली में मकान बनाया था. पिछले वर्ष 31 दिसंबर को अचानक घर में रसोई गैस का सिलेंडर फटा और 12 कमरों का मकान जलकर राख हो गया. इन तीन परिवारों का मकान ही नहीं बल्कि उनके उम्मीदों और सपनों का घर राख में मिल गया.
बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में घर बनाना पहाड़ तोड़ने के बराबर होता है. किन हालातों में यहां पर मकान बनाए जाते हैं, कितनी मुश्किल खड़ी होती है? इसका आंकलन नहीं किया जा सकता. हर कोई अपना खूबसूरत घर बनाना चाहता है, जिससे वह अपनी जिंदगी भर रह सके.
वहीं कमद गांव में बसंती देवी, केसर सिंह, पूरन सिंह के अरमानों को आग की चिंगारी ने मिट्टी में मिला दी और जिंदगी भर की कमाई राख में मिल गई. अधिकारी और जनप्रतिनिधि घटना के बाद प्रभावित परिवार को मदद देने का भरोसा तो दिला आए, लेकिन कब तक मदद मिलेगी, यह बड़ा सवाल है. अब कुछ ग्रामीणों ने इन परिवारों की आर्थिक मदद करना भी शुरू कर दिया है.