देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून हर साल अपने साथ ताबाही लेकर आता है. मॉनसून की बारिश से उत्तराखंड को बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. इस बार भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. रविवार देर रात को पिथौरागढ़ जिले के धारचूला तहसील के एक गांव में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है. इस आपदा में 5 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. वहीं कही अभी लापता बताए जा रहे है. इस आपदा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई नेताओं ने पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदनाए व्यक्त की है.
हरीश रावत ने ट्वीट किया कि ''मेरा मन इस समय बहुत उद्विग्न है, मुझे अभी धारचूला से एक दु:खद खबर मिली है. जुम्मा गांव में एक दर्जन के करीब लोग भूस्खलन से कालकल्वित हो गये हैं. पहाड़ों के लिए यह समय बहुत कष्टमय है, रुला देने वाली चुनौतियां हैं, मगर उन चुनौतियों में भी लोग सिर उठाये खड़े हैं.
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हरीश रावत ने कहा कि मैं जुम्मा, धारचूला एवं मुनस्यारी के लोगों को अपनी संवेदना प्रेषित करता हूं. इस आपदा में जो बिलख-बिलख कर रो रहे हैं, उन्हें भी संवेदना प्रेषित करता हूं. कोई साल ऐसा नहीं जा रहा है, जब त्रासदी हमको रुला नहीं रही हो. भगवान कैलाशनाथ वहां के लोगों की रक्षा करो. मैं आपदाग्रस्त क्षेत्रों में जाऊंगा. अभी कुछ पहले की व्यस्तताएं बनी हुई हैं, लेकिन जुम्मा के लोगों के आंसू पोछने जाऊंगा.