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34 साल से अपने भवन के इंतजार में गंगोलीहाट ITI, युवाओं के सपने हो रहे चकनाचूर - उत्तराखंड न्यूज

बेरीनाग तहसील के अनेक गांव के युवा गंगोलीहाट आईटीआई से अपना भविष्य संवारना चाहते हैं, लेकिन आईटीआई में ट्रेड न होना और संस्थान के पास अपना भवन ना होने से युवाओं के सपने चकनाचूर हो रहे हैं.

34 साल से अपने भवन के इंतजार में गंगोलीहाट ITI

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Published : Apr 24, 2019, 7:11 PM IST

पिथौरागढ़: गंगोलीहाट में 34 साल पहले खुला आईटीआई कॉलेज आज भी बदहाली के आंसू रो रहा है. आलम ये है कि आईटीआई कॉलेज आज भी किराए के भवन से संचालित किया जा रहा है. साल 1986 में खुले इस आईटीआई में 4 ट्रेड ही स्वीकृत किए गये थे. जिनमें वायरमैन, सिविल ड्राफ्ट्समैन, हिंदी टाइपिंग और टीवी रेडियो मैकेनिकल शामिल थे.

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भूमि और भवन नहीं होने के कारण धीरे-धीरे संस्थान में ट्रेड कम होते चले गए. हालात ऐसे हो गए हैं कि अब टीवी एंड रेडियो, मैकेनिकल और वायरमैन कटलेट ट्रेड बंद कर दिया गया. हिंदी टाइपिंग में एक भी छात्र ट्रेनिंग लेने वाला नहीं है. हालांकि, सिविल ड्राफ्ट्समैन में 17 छात्र ट्रेनिंग ले रहे हैं. युवाओं को औद्योगिक संस्थान में ट्रेनिंग लेने यहां से 80 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ जाना पड़ता है.

34 साल से अपने भवन के इंतजार में गंगोलीहाट ITI

ऐसा नहीं है कि इलाके में भूमि की कमी है, लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति की कमी और उदासीनता के कारण आईटीआई के लिए अब तक भूमि का चयन नहीं हो पाया है.
गंगोलीहाट आईटीआई अभी शिक्षा विभाग के चार कमरों वाले उस पुराने भवन में संचालित किया जा रहा है, जिसे शिक्षा विभाग ने 5 साल पहले इसलिए खाली कर दिया था कि उसमें कभी भी भूस्खलन हो सकता है.

गंगोलीहाट नगर पंचायत में 333 राजस्व गांव हैं, इसके अलावा बेरीनाग तहसील के अनेक गांव के युवा गंगोलीहाट आईटीआई से अपना भविष्य संवारना चाहते हैं, लेकिन आईटीआई में ट्रेड ना होना और संस्थान के पास अपना भवन ना होने से युवाओं के सपने चकनाचूर हो रहे हैं.

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