पिथौरागढ़: 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में 18 से 20 अक्टूबर तक शिव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. ये पहला मौका है, जब शिव की धरती पर शिव महोत्सव आयोजित होने जा रहा है. इस महोत्सव को लेकर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही एडवेंचर से जुड़ी गतिविधियां भी महोत्सव में संचालित की जाएगी.
बता दें कि कोरोना संकट के कारण बीते दो साल से कैलाश मानसरोवर यात्रा और इंडो चाइना ट्रेड बंद है. ऐसे में पिथौरागढ़ प्रशासन की पहल पर उच्च हिमालयी क्षेत्र गुंजी में तीन दिवसीय शिव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस महोत्सव के जरिए चीन बॉर्डर पर मौजूद व्यापारिक केंद्र गुंजी को एक नई पहचान मिलेगी.
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कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव है गुंजीः कैलाश मानसरोवर यात्रा और इंडो-चाइना ट्रेड होने पर ये इलाका 4 महीने तक गुलजार रहता था, लेकिन कोरोना संकट के कारण पिछले 2 साल से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम पड़ाव होने के साथ ही गुंजी भारत-चीन स्थलीय व्यापार का भी महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां की बाजार चीनी सामान से पटी रहती है. लिपुलेख दर्रे तक सड़क की कटिंग के बाद गुंजी पहुंचना आसान हो गया है, लेकिन बीते दो सालों में यहां के लोगों की दिक्कतों में खासा इजाफा हुआ है.
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दुनिया के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक है गुंजीःचीन और नेपाल बॉर्डर पर स्थित गुंजी दुनिया के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक है. कैलाश मानसरोवर यात्रा का अहम रूट होने के साथ ही इस इलाके में आदि कैलाश और ऊं पर्वत भी मौजूद है. साल भर यहां गगनचुंबी चोटियां बर्फ से लकदक रहती है. जबकि, शीतकाल में 6 महीने तक ये इलाका बर्फ से ढका रहता है. साहसिक खेलों के लिए यहां कई बेहतरीन ट्रैक रूट भी मौजूद हैं.